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लालू को सजा सुनाने वाले जज को भी यूपी में न्याय का इंतजार

Rishi
Published on: 8 Jan 2018 10:53 AM GMT
लालू को सजा सुनाने वाले जज को भी यूपी में न्याय का इंतजार
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चारा घोटाला: चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू दोषी करार

जालौन : बहुचर्चित चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाने वाले जस्टिस शिवपाल सिंह स्वयं उत्तर प्रदेश की नौकरशाही से त्रस्त हैं। उन्हें जालौन में अधिकारी के चक्कर लगाने को मजबूर कर रहे हैं। मजे की बात तो ये है कि तहसीलदार से लेकर डीएम तक से उन्होंने अपनी शिकायतें की लेकिन कोई उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं है।

आपको बता दें, जस्टिस शिवपाल सिंह जालौन के शेखपुर खुर्द गांव के निवासी हैं। गांव में उनकी जमीन हैं जिनका अराजी नंबर-15 और 17 है।'

ये है मामला

सिंह की इसी जमीन पर पूर्व प्रधान सुरेंद्र पाल सिंह ने अपने कार्यकाल में चकरोड बनवा दिया था। जबकि ये चकरोड़ गाटा संख्या- 13 में होना चाहिए था। पूर्व प्रधान ने रोड़ को गाटा संख्या- 13 की ओर से बंद कर अपने खेत में मिला लिया है।

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जस्टिस के भाई सुरेंद्र पाल कहते हैं, कई बार उनके भाई तहसीलदार से लेकर जालौन के डीएम से मिले। लेकिन कोई भी अधिकारी हमरी बात सुनने को तैयार नहीं है।

वहीं तहसीलदार जितेंद्र पाल सिंह कहते हैं उनके पास शिकायत आई थी। राजस्व टीम को मौके पर भेजा गया था। पैमाईश भी हुई थी। उसके बाद उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। जो स्थान चकरोड़ के लिए निश्चित है वो वहीँ बनेगा। टीम ने पैमाइश के समय निशान भी लगवाए थे।

जबकि जस्टिस शि‍वपाल कहते हैं, 'मैं 11 साल से इस विवाद से परेशान हूं। कई बार डीएम और एसपी से शिकायत की, लेकिन मुझे कोई मदद नहीं मिली।

उन्होंने बताया 12 अक्टूबर 2017 में जिले के डीएम रहे मन्नान अख्तर को जब मैंने अपना परिचय दिया तो उन्होंने कहा आप जाइए पहले कानून पढ़ के आइए, फिर मुझसे बात कीजिएगा।

तो देखा आपने सिर्फ आम आदमी या कारोबारी ही यूपी की नौकरशाही से परेशान नहीं है बल्कि जस्टिस भी उनसे परेशान हैं।

अब ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ कैसे कारोबारियों को यूपी में स्थापित कर सकेंगे। जबकि सारा काम तो इसी नौकरशाही से ही होना है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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