×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP विधानसभा चुनाव मोदीमय होने से विदेशी मुल्कों की बढ़ी दिलचस्पी, जानें क्या हैं कारण

aman
By aman
Published on: 7 March 2017 9:11 PM IST
UP विधानसभा चुनाव मोदीमय होने से विदेशी मुल्कों की बढ़ी दिलचस्पी, जानें क्या हैं कारण
X

उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली, ब्यूरो: देश के इतिहास में पहली बार किसी एक राज्य के विधानसभा चुनावों को लेकर देश ही नहीं विदेशों में भी इतनी दिलचस्पी देखने को मिली है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठजोड़ को पहले नंबर पर बताकर अमेरिका, चीन, रूस, जापान और कनाडा जैसे मुल्कों की भारत में दिलचस्पी इस बार कई कारणों से बढ़ा दी है।

विदेश मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में निवेश के इच्छुक अग्रणी देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के चुनावों को इसलिए भी कौतूहल से देख रहे हैं क्योंकि ये चुनाव यह तय करेंगे कि पौने तीन साल से भारत की बागडोर संभाल रहे पीएम नरेंद्र मोदी का करिश्मा कायम है या वो जादू उतार पर है।

विदेशी मीडिया में कौतूहल

कई विदेशी अखबारों और दूसरे मीडिया ने यूपी के चुनावों में अपने संवाददाताओं को भेजकर कवरेज को इस कदर महत्व दिया मानों वे किसी अलग देश के चुनावों को कवर कर रहे हैं। विदेशी सरकारों की भारत में दिलचस्पी के जो अहम कारण हैं उसमें नोटबंदी का असर भी एक बड़ा कारण है। कई देशों व वहां के मीडिया का कौतूहल इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को इन चुनावों के लिए जनमत संग्रह माना जा रहा है।

नोटबंदी बड़ी वजह

दुनिया के कई जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने 8 नवंबर को मोदी की नोटबंदी की घोषणा को भारत जैसी बड़ी और नकदी पर आधारित अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताया था। कई देशों ने माना था कि कालेधन को खत्म करने के लिए नोटबंदी का नहीं बल्कि दूसरे कई वैकल्पिक उपायों का इस्तेमाल होना चाहिए था।

आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...

मोदी के प्रयासों का दिखेगा नतीजा

डिजिटल इंडिया और अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कैशलेश करने के मोदी के प्रयासों का नतीजा भी आने वाले दिनों में सामने आएगा। क्योंकि इस नई परिपाटी से यह भी तय होना है कि नोटबंदी के बाद बैंकों के बाहर कई सप्ताह तक लगी कतारों और भीड़ के शांत होने के बाद अब लोग-बाग क्या वाकई नकदी लेन-देन को पूरी तरह भूल सकेंगे।

मोदी अब भी अहम राजनीतिक किरदार

विदेशी मुल्कों के लिए मोदी अभी भी भारत की राजनीति के सबसे अहम किरदार बने हैं। आने वाले दो सालों में मोदी की नीतियां ही भारत की राजनीति की स्थिरता और विदेशी निवेश की संभावनाओं तथा भगवा ब्रिगेड का भविष्य तय करेंगे।

विदेशी मीडिया की नजर जातीय समीकरण पर भी

विदेशी मीडिया ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और जातीयता के आईने में भी यूपी चुनावों के कई रोचक पहलुओं को परखा है। एक विदेशी टिप्पणीकार ने तो यहां तक लिखा है कि प्रश्न यह नहीं है कि कोई एक व्यक्ति किस पार्टी को एक नागरिक के नाते वोट कर रहा है, बल्कि असल मुद्दा यह है कि अमुक व्यक्ति की जाति का थोक वोट किस पार्टी के हक में जा रहा है।

जारी ...

पांचों राज्यों में यूपी इसलिए है अहम

यूपी के साथ भले ही बाकी पंजाब समेत पांच प्रदेशों के चुनाव हो रहे हैं लेकिन इन चुनावों का महत्व विदेशी मुल्कों और वहां के मीडिया के लिए इसलिए भी है क्योंकि इस राज्य की आबादी करीब 22 करोड़ है जोकि फ्रांस की जनसंख्या के करीब तीन गुना ज्यादा है।

जीएसटी पर विदेशी निवेशकों की नजर

भारत में कर सुधारों के लिए सेवा व माल कर कानून के लागू करने की समय सीमा मोदी सरकार द्वारा आगामी जुलाई माह से लागू करने की है। देश में 1991 के बाद का सबसे बड़े आर्थिक सुधारात्मक प्रयोग के तौर पर जीएसटी पर विदेशी मुल्कों व वहां के निवेशकों की नजरें इसलिए भी गड़ी हुई हैं। क्योंकि इससे आने वाले डेढ़-दो सालों में उनका काफी कुछ दांव पर लगा रहेगा।

भारतीय राजनीति में आ सकता है बड़ा बदलाव

माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव अगर बीजेपी को झटका देते हैं तो इससे विपक्षी पार्टियों को संसद के भीतर बाहर एकजुट होने का मौका मिलेगा। हालांकि कुछेक विदेशी मीडिया ने यह भी तर्क पेश किए हैं कि अगर मोदी को इन चुनावों में फतह भी मिलती है तो भी 2019 के आम चुनावों तक भारत की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है तथा सपा, बसपा जैसी पार्टियां कांग्रेस के साथ आकर देश में क्षेत्रीय दलों का बड़ा साझा विकल्प खड़ा कर सकती हैं।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story