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S Jaishankar: चुनाव के बीच विदेश मंत्री का बड़ा खुलासा, PM मोदी ने दो बार रोकवाया रूस-यूक्रेन युद्ध
S Jaishankar: विदेश मंत्री ने कहा कि यह पहली बार था जब किसी देश (भारत) ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को एक नहीं बल्कि दो बार रोकने में सफलता हासिल की।
S Jaishankar: देश में लोकसभा चुनाव जारी है। पांच चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है। छठवें और सांतवें चरणों का चुनाव बाकी है। 25 मई को छठवें चरण का मतदान होना हैं, लेकिन उससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत सरकार की विदेशी नीति को लेकर ऐसा बड़ा दावा किया है, जो बाकी दो चरणों के चुनाव में भाजपा के पक्ष का माहौल बना सकता है। एक न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जी-20, रूस-युक्रेन युद्ध के बीच अपने लोगों को देश वापस लाने पर बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस-युक्रेन युद्ध के बीच भारत ने काफी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि कैसे पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को एक नहीं बल्कि दो-दो बार रुकवाया।
इनकी जान बचाने के लिए रोका था रूस-यूक्रेन युद्ध
विदेश मंत्री ने कहा कि यह पहली बार था जब किसी देश (भारत) ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को एक नहीं बल्कि दो बार रोकने में सफलता हासिल की। सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को देश वापस लाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। उन्होंने कहा कि अगर आप मुझे यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को रोकने बारे में पूछेंगे तो इसका जवाब हां होगा। मैं इसका गवाह हूं। मैं आपको तारीख बता सकता हूं। मैं आपको समय दे सकता हूं, इतना ही नहीं, मैं आपको ये भी बता सकता हूं कि कैसे और किसके लिए युद्ध रोका गया।
खार्किव में पहली बार यह हुआ था
जयशंकर ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध पहली बार पहली बार खार्किव में पांच मार्च को युद्ध रोका गया था, जब जब हमारे छात्र यूक्रेन में निकटतम सुरक्षित जगह की ओर जा रहे थे और इस बीच भारी गोलीबारी हो रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन पर बात कर भारतीय छात्रों के लिए रास्ता बनाने के लिए गोलाबारी को रोकने के लिए कहा। प्रधानमंत्री के अनुरोध पर रूसी सेना ने गोलाबारी रोक दी और हमारे लोग सुरक्षित वतन लौट सके।
एक और घटना बताई
उन्होंने दूसरा युद्ध रोकने के बारे में भी बात की। विदेश मंत्री ने कहा कि यह घटना बीते आठ मार्च की है, जब यूक्रेन, रूस और मिलिशिया के बीच लड़ाई चल रही थी। हमारे छात्र उस क्षेत्र को छोड़ना चाहते थे। हमने संघर्ष को रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं प्राप्त हो रही थी। जैसे ही हमारे छात्र बस पर सवार होते वैसे ही फायरिंग शुरू हो जाती। फिर छात्रों को वापस अपनी जगह लौटना पड़ता। इस समस्या को लेकर भी हम प्रधानमंत्री के पास गए और उनसे छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए कहा। हमने सुझाव दिया कि दिल्ली से कुछ अधिकारियों को वहां जाना चाहिए और छात्रों से बात करनी चाहिए। तब पीएम मोदी ने पुतिन और यू्क्रेनी राष्ट्रपति जेंलेस्की से फोन पर बात की और अपने छात्रों के लिए रास्ता बनाया। गोलीबारी रोकी गई और हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया गया।