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PoK को लेकर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, 'किसी की गलती के कारण यह हाथ से निकला

Foreign Minister S Jaishankar: पीओके को लेकर देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इनसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इसको लेकर टिप्पणी दी थी।

Aniket Gupta
Published on: 16 May 2024 3:36 PM GMT (Updated on: 16 May 2024 3:48 PM GMT)
PoK को लेकर बोले विदेश मंत्री जयशंकर, किसी की गलती के कारण यह हाथ से निकला
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Foreign Minister S Jaishankar: देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी जारी है। दूसरी तरफ पाकिस्तान को लेकर भी मुद्दा गरम है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में महंगाई को लेकर इन दिनों हिंसा देखने को मिल रही है। अब इसको लेकर भारत में केंद्रीय नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पीओके को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पीओके को भारत का हिस्सा बताया है। अपने बयान में उन्होंने बिना किसी का नाम लिए देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू पर परोक्ष रूप से निशाना भी साधा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और यह किसी की कमजोरी या गलती की वजह से यह हिस्सा अस्थायी रूप से हमसे दूर हो गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे को लेकर टिप्पणी दी थी। पश्चिम बंगाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने पीओके को लेकर कहा था कि भारत इसे पीओके वापस ले लेगा।

बिना नाम लिए विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष

दरअसल, 'विश्वबंधु भारत' कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर से पूछा गया कि यदि भारत 'लक्ष्मण रेखा' को पार करता है और पीओके को भारत में शामिल करता है तो इस पर चीन की क्या प्रतिक्रिया होगी? इस पर जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने जवाब देते हुए कहा, 'मुझे विश्वास नहीं है कि 'लक्ष्मण रेखा' जैसी कोई चीज है। मुझे लगता है कि पीओके भारत का हिस्सा है और किसी की कमजोरी या गलती के कारण यह अस्थायी रूप से हमसे दूर हो गया है।' आगे उन्होंने कहा कि हम इस हिस्से को फिर से वापस लेंगे। एस जयशंकर ने आगे कहा कि पीओके पर हमारे देश का वैध रूप से दावा है, ऐसे में न तो पाकिस्तान और ना ही चीन इस पर अपनी संप्रभुता का दावा कर सकता है।

1963 के पाकिस्तान और चीन के बीच हुए समझौते का भी किया जिक्र

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा, 'मैं चीन का राजदूत था, और हम सभी चीन की पिछली हरकतों के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। हम सभी यह भी जानते हैं कि चीन किस तरह पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करता है। उनका पुराना इतिहास है। हमने उन्हें कई बार बताया है कि पीओके पर न तो पाकिस्तान और न ही चीन अपना वैध दावा कर सकता है। यदि इसका कोई असल दावेदार है तो यह भारत है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 1963 में हुए पाकिस्तान और चीन के बीच के समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि 1963 में, पाकिस्तान और चीन अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए। तब पाकिस्तान ने चीन को करीब रखने के लिए, पाकिस्तान के कब्जे वाले लगभग 5,000 किमी क्षेत्र के कुछ हिस्से को चीन को सौंप दिया। उस समझौते में लिखा है कि चीन इस बात का सम्मान करेगा कि यह क्षेत्र पाकिस्तान का है या भारत का।

हमें अपनी स्थिति मजबूत रखने की जरूरत: विदेश मंत्री

इसके बाद विदेश मंत्री ने पीओके की वर्तमान स्थितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत को पीओके के माध्यम से अपनी स्थिति को मजबूती से बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि हमें अपनी स्थिति बहुत मजबूत रखने की जरूरत है, हमें खुद पर विश्वास रखने की जरूरत है।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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