ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद, आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में पाए गए दोषी

Nishant Agrawal : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोपी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा हुई है। यह सजा नागपुर की एक कोर्ट ने सुनाई है।

Rajnish Verma
Written By Rajnish Verma
Published on: 3 Jun 2024 10:18 AM GMT (Updated on: 3 Jun 2024 11:14 AM GMT)
ब्रह्मोस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद, आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में पाए गए दोषी
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Nishant Agrawal : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोपी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा हुई है। यह सजा नागपुर की एक कोर्ट ने सुनाई है। बता दें कि निशांत अग्रवाल ने आईएसआई को ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानकारी लीक की थी, इस मामले में उन्हें 2018 में गिरफ्तार किया गया था।

नागपुर की एक अदालत ने सोमवार को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के मामले सुनवाई करते हुए ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उत्तर प्रदेश पुलिस, महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने 2018 में निशांत अग्रवाल को नागपुर से गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ़्तारी ने काफी हलचल मचा दी थी, क्योंकि ब्रह्मोस एयरोस्पेस से जुड़ा ये पहला जासूसी का मामला था।

गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप

बता दें कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस डीआरडीओ और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम का एक संयुक्त उपक्रम है। यह भारत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के निर्माण का काम करता है। यहां निशांत अग्रवाल सीनियर सिस्टम इंजीनियर थे। उन पर अरोप था कि वह सोशल मीडिया फेसबुक पर नेहा शर्मा और पूजा रंजन के जरिए संदिग्ध आईएसआई के एजेंटों के सम्पर्क में था। ये फेसबुक अकाउंट पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित किए जा रहे थे। निशांत अग्रवाल ने ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी परियोजनाओं की गोपनीय जानकारी साझा की थी, इसे लेकर उन्हें 2018 में गिरफ्तार कर लिया गया था।

आईआईटी से किया था स्नातक

निशांत अग्रवाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ से मैकेनिकल इंजीनिरिंग में स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंने ब्रह्मोस एयरोस्पेस में इंजीनियर के रूप में काम करना शुरू किया। वह मिसाइल प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाली टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे।

Rajnish Verma

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वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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