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Manohar Joshi: पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का निधन, दो दिन पहले आया था हार्ट अटैक
Manohar Joshi Passed Away: मनोहर जोशी के पार्थिव शरीर को दोपहर 11 बजे मुंबई के माटुंगा पश्चिम स्थित उनके वर्तमान निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दो बजे उनकी शवयात्रा शुरू होगी।
Manohar Joshi Passed Away: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के कद्दावर नेता रहे मनोहर जोशी का शुक्रवार तड़के निधन हो गया। 86 वर्षीय जोशी की तबियत 21 फरवरी को अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद आननफानन में उन्हें मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें हार्ट अटैक आया था। उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। शुक्रवार तड़के 3.02 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
जानकारी के मुताबिक, मनोहर जोशी के पार्थिव शरीर को दोपहर 11 बजे मुंबई के माटुंगा पश्चिम स्थित उनके निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर दो बजे उनकी शवयात्रा शुरू होगी। पूरे राजकीय सम्मान के साथ दादर शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान बीजेपी, कांग्रेस और शिवसेना एवं एनसीपी के दोनों गुटों के बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
शिवसेना-भाजपा की पहली सरकार के थे मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र में साल 1995 में पहली बार अविभाजित शिवसेना और भाजपा की गठबंधन सरकार बनी थी, जिसका रिमोट कंट्रोल बाला साहेब ठाकरे के हाथों में था। ठाकरे ने नारायण राणे जैसे कई अन्य करीबी नेताओं को दरकिनार कर मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया था। इस तरह वह शिवसेना की ओर से पहले ऐसे शख्स हुए जो मुख्यमंत्री की गद्दी पर आसीन हुए।
जोशी को 14 मार्च 1995 को महाराष्ट्र की सीएम बनाया गया था। वे 31 जनवरी 1999 तक इस पद पर रहे। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बाल ठाकरे ने उन्हें हटाकर कद्दावर मराठा नेता नारायण राणे को मुख्यमंत्री बना दिया था। जोशी 3 साल 323 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
सभी सदनों में काम करने का मिला मौका
मनोहर जोशी का राजनीतिक करियर 50 साल तक चला। इस दौरान वो पार्षद से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक बने। जोशी मुंबई के मेयर भी रहे। वो उन गिने चुने नेताओं में शुमार हैं, जिन्हें चारों सदनों में काम करने का मौका मिला। वे विधायक, विधान परिषद सदस्य, लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद रहे। वे कुछ समय के लिए केंद्रीय मंत्री रहने के बाद केंद्र की एनडीए सरकार में लोकसभा अध्यक्ष भी रहे।
बता दें कि मनोहर जोशी अपने अंतिम समय तक ठाकरे परिवार के वफादार बने रहे। साल 2022 में पार्टी में हुई बड़ी टूट के बावजूद वे उद्धव ठाकरे के साथ बने रहे।