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Haryana: सियासी उठापटक के बीच पूर्व CM खट्टर का दावा, फ्लोर टेस्ट के लिए विशेष सत्र बुला सकती है सरकार
Floor Test in Haryana: हरियाणा में सियासी उठापटक के बीच पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए विशेष सत्र बुला सकती है।
Floor Test in Haryana: हरियाणा में राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है। राज्य की बीजेपी सरकार में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद प्रदेश सरकार की फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनी हुई है। जानकारी यह सामने आ रही है कि प्रदेश की सरकार फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। उन्होंने आगे कहा कि जेजेपी को इस मामले को नहीं उठाना चाहिए था, लेकिन अब उन्होंने उठा लिया है तो वो कटघरे में फंस गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आगे कहा, जेजेपी के 6 विधायक हमारे संपर्क में हैं। खट्टर ने दावा किया कि कांग्रेस भी एकजुट नहीं है। 30 में से चार या पांच विधायक उनके छिटक सकते हैं। राज्यपाल ने कांग्रेस से 30 विधायकों के हस्ताक्षर मांगे हैं।
दुष्यंत चौटाला ने की फ्लोर टेस्ट की मांग
बीते दिनों हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को चिट्ठी लिखते हुए फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। बता दें, दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है।
तीनों विधायकों का कांग्रेस को समर्थन: उदय भान
हाल ही में हरियाणा के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने यह दावा करते हुए कहा था कि तीन निर्दलीय विधायकों, सोमवीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर ने बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि उन तीनों विधायकों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस ने यह दावा किया कि प्रदेश की बीजेपी सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने समर्थन वापस ले लिया था और अब तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है।
हालांकि, बीजेपी को इससे कोई बड़ी संकट नहीं आने वाली है क्योंकि हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के पास 45 विधायकों का समर्थन है, जिसमें 40 विधायक उनकी अपनी पार्टी के हैं। 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।