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जिस पूर्व IPS के घर CID छापे में मिले थे ढ़ाई करोड़ रुपये, वह BJP में शामिल
भारती घोष का पार्टी में स्वागत करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में भाजपा का बढ़ता परिवार। पूर्व आईपीएस भारती घोष जी का भाजपा परिवार में स्वागत है।’
कोलकाता: जहां एक तरफ पश्चिम बंगाल में घमासान चल रहा है। वहीं अब एक खबर आ रही है कि पश्चिम बंगाल में जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र की आरोपी कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की क़रीबी रहीं और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने भाजपा का दामन थाम लिया है। बता दें कि इन पर अभी फिरौती का एक मामला भी चल रहा है।
पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है: घोष
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घोष जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र के मामले को लेकर आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की जांच के दायरे में हैं, जबकि उनके पति राजू हिरासत में हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीते सोमवार को भाजपा में शामिल होने वाली घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र ख़त्म हो चुका है। जानकारी के अनुसार, भाजपा में शामिल होने के बाद भारती घोष आगामी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतर सकती हैं।
जांच एजेंसी ने घोष को ‘मोस्ट वांटेड’ तक करार किया था
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सीआईडी ने घोष के घर छापा मारकर 2.5 करोड़ नकद बरामद किया था। जांच में सहयोग न करने पर जांच एजेंसी ने घोष को ‘मोस्ट वांटेड’ तक करार किया था। भारती घोष ने कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया था. जबकि सीआईडी ने बताया था कि बरामद किए गए 2.5 करोड़ रुपये के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं दी गई थी। भारती घोष का पार्टी में स्वागत करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में भाजपा का बढ़ता परिवार। पूर्व आईपीएस भारती घोष जी का भाजपा परिवार में स्वागत है।’
इसलिए 29 दिसंबर 2017 को दिया था इस्तीफा
रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि मुकुल रॉय के बीजेपी में जाने के बाद ममता बनर्जी और भारती घोष के संबंधों में खटास आ गई थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल में मेदिनापुर ज़िले की साबंग सीट पर उपचुनाव हुए। इस चुनाव में बीजेपी के जनाधार में बढ़त देखने को मिली थी। वह भी तब जब इस इलाके में बीजेपी का कोई बड़ा चेहरा नहीं था।
इसका ठीकरा तृणमूल नेताओं ने भारती घोष के ऊपर फोड़ दिया और चुनाव के बाद घोष का ट्रांसफर एक नीची पोस्ट पर कर दिया गया। जिसके बाद भारती घोष ने 29 दिसंबर 2017 को इस्तीफा दे दिया था।