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किसान आंदोलन: इन मामलों को लेकर किया जा रहा विरोध, 10 दिनों तक रहेगा जारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत देश के 7 राज्यों में एक जून यानी आज से किसान आंदोलन ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहा दिया तो, एमपी के मंदसौर में आंदोलन शुरू करने से पहले मंदिर किसान पहुंचे और भगवान का दूध से अभिषेक किया।
अलर्ट के बीच सीआरपीएफ के बंकर वाहन पर आतंकी हमला
राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया है। एमपी के झबुआ में धारा 144 लगा दी गई है और किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। आगरा में अपने वाहनों की फ्री आवाजाही कराने के लिए किसानों ने टोल पर किया कब्जा कर लिया और जमकर की तोड़फोड़ की।
न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान को लेकर आंदोलन कर रहे किसान
किसान सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान के वादे को पूरा करने को लेकर भी आंदोलन कर रहे हैं। मंदसौर में पूरे शहर में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि, किसान आंदोलन के दौरान शांति कायम रहे।
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हालांकि, पंजाब में किसानों का एक हिस्सा इस विरोध में शामिल नहीं हुआ है और आंदोलन के विपरीत चंडीगढ़ के कुछ इलाकों में दूध सप्लाई किया। पंजाब के किसानों ने भी 10 दिनों तक सब्जियों और डेयरी प्रोडक्ट्स को बाहर सप्लाई करने से इनकार कर दिया है। फरीदकोट में किसानों ने सड़कों पर सब्जियां फेंक कर विरोध जताया।
मंदसौर के किसानों ने दूध गांव वालों में बांट दिया और कहा कि दूध से मिठाई बनाई जाए जिसे गांव वालों के बीच ही बांटा जाएगा। किसान दूध डेयरी को नहीं बेचेंगे। किसान, सब्जी और दूध शहर नहीं भेजेंगे।
हालांकि, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की छह जून को मंदसौर में होने वाली किसान रैली राजनीति से प्रेरित है। राजनाथ सिंह ने कहा, 'जब भी चुनाव होते हैं, कांग्रेस अध्यक्ष किसी न किसी प्रकार से इसी तरह के काम करते हैं। वह कलावती और यूपी के भट्टा-पारसौल के किसान आंदोलन को भूल गये। अब वह मंदसौर की बात कर रहे हैंl