TRENDING TAGS :
G-20 Dinner: ममता, नीतीश,स्टालिन को न्योता, खड़गे को बुलाया नहीं, कई नेता आएंगे नहीं
G-20 Dinner: इस कार्यक्रम में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों और विपक्ष शासित राज्यों सहित सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। डिनर में कई विश्व नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे।
G-20 Dinner: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज में विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों - ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, नीतीश कुमार और एमके स्टालिन, ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। लेकिन इस डिनर में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किया गया है। जबकि इस कार्यक्रम में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों और विपक्ष शासित राज्यों सहित सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। डिनर में कई विश्व नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे।
कई सीएम नहीं आएंगे
हालाँकि, कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए रात्रिभोज में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को छोड़कर, कांग्रेस शासित राज्यों के अन्य मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे। उनके कार्यालय ने कहा है कि विजयन पार्टी कार्यक्रमों के लिए 15 सितंबर को दिल्ली जाएंगे।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा के सीएम के भी रात्रिभोज में शामिल होने की संभावना नहीं है। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव के कार्यालय के सूत्रों ने पुष्टि की कि वह रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे, जबकि आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी विदेश दौरे पर हैं। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के कार्यालय ने कहा कि वह रात्रिभोज में शामिल नहीं होंगे। इस बात की संभावना नहीं है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक शामिल होंगे।
समिट पर खर्च 4200 करोड़ रुपए
जी 20 शिखर सम्मेलन में भारत की ताकत और कूटनीति का प्रदर्शन है। इस शिखर सम्मेलन की भव्यता, सजावट आदि की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है। जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी में खर्चा भी कोई कम नहीं हुआ है। तुलनात्मक रूप से कहें तो, 2017 में जर्मनी ने इसकी मेजबानी पर जो खर्च किया था, उससे सात गुना अधिक खर्च भारत ने किया है। जर्मनी ने 1 दिसंबर 2016 को जी 20 अध्यक्ष पद संभाला और शिखर सम्मेलन जुलाई 2017 में आयोजित किया गया। जर्मनी की जी20 आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उस शिखर सम्मेलन की कुल लागत 641 करोड़ रुपये थी। इस खर्चे में संगठनात्मक और प्रोटोकॉल से संबंधित खर्च, कार्यक्रम का आयोजन, मीडिया सेवाएं, सुरक्षा आदि शामिल हैं।
क्या था बजट
2023-24 के बजट के अनुसार केंद्र सरकार ने शुरुआत में जी20 प्रेसीडेंसी के लिए 990 करोड़ रुपये आवंटित किए। इस बजट को और बढ़ाया गया और अंततः, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा "एक्स" पर पोस्ट किए गए एक दस्तावेज़ के अनुसार, शिखर सम्मेलन तक पहुंचने में दिल्ली और केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा 4100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए।
पहले कितना खर्च हुआ है
आईबीटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा ने 2010 में टोरंटो में आयोजित शिखर सम्मेलन पर 715 मिलियन कनाडाई डॉलर खर्च किए थे। जी20 रिसर्च ग्रुप की एक वेबसाइट के अनुसार, अर्जेंटीना ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित 2018 जी20 शिखर सम्मेलन के लिए 112 मिलियन डॉलर खर्च किए। भारत ने इंडोनेशिया से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी और 2024 में ब्राजील उसकी जगह लेगा।