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FICCI AGM 2022: 'गलवान हो या तवांग, भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम दिखाया'...बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
Rajnath Singh on Galwan-Tawang: रक्षा मंत्री ने फिक्की के वार्षिक सम्मेलन में एक बार फिर चीनी घुसपैठ पर निशाना साधा। उन्होंने गलवान और तवांग झड़प में भारतीय पराक्रम का जिक्र किया।
Rajnath Singh on Galwan-Tawang: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने शनिवार (17 दिसंबर) को एक बार फिर चीन सीमा पर उपजे तनाव पर बयान दिया। चीनी घुसपैठ को लेकर उन्होंने निशाना साधा। राजनाथ सिंह बोले, 'गलवान घाटी हो या तवांग सेक्टर (Tawang Sector), भारतीय सेना के जवानों ने जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया। उसे वर्षों याद रखा जाएगा। रक्षा मंत्री ने ये बातें राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के 95वें वार्षिक सम्मेलन (AGM) में कही।
फिक्की के मंच से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'चाहे गलवान हो या तवांग, भारतीय सेनाओं ने हर बार अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया। भारतीय सेना की जितनी तारीफ की जाए वो कम है।'
PM मोदी के 'पंच प्रण' को दोहराया
FICCI AGM 2022 प्रोग्राम में देश के रक्षा मंत्री ने रक्षा (Defense), विदेश नीति (Foreign Policy), अर्थव्यवस्था (Economy) और सरकार की उपलब्धियों सहित अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी। राजनाथ सिंह ने यहां पीएम नरेंद्र मोदी के 'पंच प्रण' की भी बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री के उन पांच संकल्पों को दोहराया जिनमें विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और अखंडता तथा नागरिकों की ओर से कर्तव्य पालन की बातें शामिल हैं।
'आर्थिक मोर्चे पर तेजी से आगे बढ़ रहे'
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा, 'जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे तब भारत दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी इकॉनमी थी। उन्होंने कहा, हमारी अर्थव्यवस्था का आकार करीब दो ट्रिलियन डॉलर हुआ करता था। आज 3.5 ट्रिलियन डॉलर के आकार के साथ भारत दुनिया में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुका है। ये हमारे लिए गर्व की बात है।'
'नाजुक पांच' से 'शानदार पांच' तक
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री बोले, ''मोर्गन स्टेनले ने एक शब्द गढ़ा था। 'Fragile Five' यानी 'नाजुक पांच'। उनके कहने का पर्याय था दुनिया के वे 5 देश जिनकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा रही थी। इसमें भारत भी एक था। आज भारत उस श्रेणी से बाहर आ चुका है। वर्तमान में भारत दुनिया की 'Fabulous Five' यानी 'शानदार पांच' इकॉनमी में शामिल हो चुका है। बीते 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई 'प्रक्रियात्मक' तथा 'संरचनात्मक' सुधार हुए हैं। इन सुधारों ने भारत को विकास की राह पर बड़ी छलांग लगाने में मदद की। हम निरंतर आगे बढ़ने को तैयार हैं।'
राजनाथ- 'ईज ऑफ डूइंग' बिजनेस को बढ़ावा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे 'ईज ऑफ डूइंग' बिजनेस पर विचार रखे। उन्होंने कहा, 'एक ऐसा भी वक्त था जब भारत में साधारण व्यक्ति के लिए अपना बिजनेस शुरू करना आसान नहीं था। लेकिन, पीएम मोदी ने देश में 'ईज ऑफ डूइंग' (Ease of Doing) बिजनेस को बढ़ावा दिया। वहीं, कई छोटे कारोबारियों के लिए 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' (Pradhan Mantri Mudra Yojana) लेकर आए। इस योजना के तहत 50 हजार से 10 लाख रुपए तक के कर्ज नए व्यवसायियों को दिए जा रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने भारत के आम नागरिकों की नीयत और कार्य क्षमता पर भरोसा किया। आंकड़े देखें तो 'मुद्रा लोन' के जरिये जो छोटी-छोटी राशियां दी गई हैं, उनमें एनपीए यानी Non Performing Asset की संख्या 7 सालों में केवल 3.3 प्रतिशत रही है।'
'देश में 80000 रजिस्टर्ड स्टार्टअप'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' के अंतर्गत अब तक करीब 20.43 लाख करोड़ रुपए के कर्ज छोटे और मझोले कारोबारियों को दिए गए हैं। जिनमें 70 प्रतिशत कर्ज महिलाओं, पिछड़ी जातियों तथा अनुसूचित वर्ग के लोगों को दिए गए हैं। रक्षा मंत्री ने हाल के वर्षों में खुले कई नए स्टार्टअप पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 2014 में देश में बमुश्किल 400 से 500 स्टार्टअप थे। मगर, मौजूदा वक्त में भारत में 80,000 रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं। इनमें से 107 दुनिया में यूनिकॉर्न के रूप में जाने जाते हैं।'
राजनाथ सिंह- रक्षा क्षेत्र में FDI
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'सरकार की तरफ से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मानदंड को सरल करना भी एक महत्त्वपूर्ण कदम रहा। रक्षा क्षेत्र में पहले जहां ये 49 प्रतिशत हुआ करता था, अब उसे स्वचालित मार्ग से बढ़ाकर 74 फीसद किया गया है। सरकारी मार्ग से 100 फीसदी तक कर दिया गया है। इसका भी 25 प्रतिशत हिस्सा, घरेलू निजी उद्योग के लिए रिजर्व कर दिया गया है। जिसके परिणाम अब हमारे सामने आने शुरू हुए हैं। उन्होंने कहा, हमारा रक्षा निर्यात बीते कुछ वर्षों में 7 गुना तक बढ़ा है। इस दिशा में पहले कभी सोचा भी नहीं गया था।'