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Bihar Politics: पांच पॉइंट्स में समझें बिहार की ‘गमछा पॉलिटिक्स’ के क्या हैं मायने

Bihar Politics: लालू यादव के समय से ही राष्ट्रीय जनता दल की पहचान लाठी और गमछा रही है। लेकिन अब तेजस्वी यादव ने यह निर्देश दे दिया कि हरे गमछे के स्थान पर पार्टी की हरी टोपी और बैज को प्राथमिकता दे।

Sonali kesarwani
Published on: 6 Sept 2024 2:33 PM IST
Bihar Politics: पांच पॉइंट्स में समझें बिहार की ‘गमछा पॉलिटिक्स’ के क्या हैं मायने
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Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव 10 सितंबर को कार्यकर्ता संवाद यात्रा निकालेंगे जिसके लिए उन्होने कुछ निर्देश जारी किये है जिसमें कहा गया है कि हरे गमछे की स्थान पर अब हम हरी टोपी और बैज को प्राथमिकता देंगे। जबकि राष्ट्रीय जनता दल में गमछे को प्राथमिकता देने की शुरू लालू यादव के समय से ही हुई है। दरअसल लाठी और गमछा, इन दोनों का ही चरवाहा समाज की वेशभूषा से अटूट नाता है। लालू यादव की पॉलिटिक्स का आधार वोटबैंक भी यादव, खासकर चरवाहा समाज रहा है। लेकिन अब पार्टी गमछे को किनारे करके हरी टोपी को प्राथमिकता दे रही है। जानिए क्या है इस बदलाव के मायने।

वोटों का नया समीकरण बनाने की कोशिश

बिहार में आरजेडी की ताकत हमेशा से मुस्लिम और यादव वर्ग ही रहा है। लेकिन जब से बिहार में नितीश कुमार की सरकार आई है तब से तेजस्वी यादव की पार्टी में मुस्लिम और यादव समुदाय से भी कम वोट आने लगे है। वहीं अब बीजेपी भी यादव पर नजर गड़ाई हुई है। जिसके बाद से आरजेडी की टेंशन बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव में आरजेडी 23 सीटों पर लड़ी लेकिन उसे सिर्फ चार सीटें ही मिल पाई। यही वजह है कि पार्टी अब अपना वोट बैंक बनाने के लिए M- Y यानी मुस्लिम- यादव समुदाय को अपनी तरफ लाने की कोशिश में लगी है।

कुशवाहा समाज को साथ लाने की तैयारी

बीते दिन आरजेडी पार्टी ने जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस मनाया। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने सम्बोधन में यह कह दिया कि यादव और कुशवाहा भाई- भाई हैं। साथ ही उन्होंने बातों बातों में यह बता दिया कि लोकसभा चुनाव में हमने कुशवाहा समुदाय को सबसे ज्यादा टिकट दिया। उन्होंने वहां ये भी वादा किया कि विधानसभा चुनाव में उन्हें मौका दिया जायेगा। आरजेडी का गमछा पॉलिटिक्स से दूरी बनाने का एक कारण ये भी समझ आ रहा है।

छवि बदलने की कर रहे कोशिश

आरजेडी अपने ऊपर लगे आरोपों को हटाकर अपनी छवि बदलने की कोशिश में लगी है। आरजेडी अब फ्रेश चेहरे के साथ चुनाव में आना चाहती है। तेजस्वी ने चुनाव से पहले जंगलराज के आरोपों पर 16 साल की सरकार के समय हुई गलतियों के लिए मांफी भी मांगी थी। तेजस्वी यादव जंगलराज वाली इमेज को हटाकर अपनी छवि साफ करने में लगी है। इसीलिए मीसा भारती के होते हुए भी उन्होंने विधानसभा में अभय कुशवाहा को संसदीय दल का नेता बनाया।

लफुआ (लफंगा) टैग हटाने की कोशिश

आरजेडी पार्टी के ऊपर काफी समय से लफुआ यानी लफंगा पार्टी होने का टैग लगा है। यह इसीलिए क्योंकि जब कभी भी आरजेडी की तरफ से कोई प्रदर्शन होता था तो सभी लोग गमछा और लाठी लेकर पहुँच जाते थे। भले ही वह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा हो लेकिन लोगों के दिमाग में जो छवि बनी थी वो लफुआ की ही बनी थी। इसीलिए गमछा पॉलिटिक्स खत्म करके छवि सुधारने की कोशिश की जा रही है।

शहरी कल्चर से जुड़ाव

पिछले चुनाव की अगर हम बात करें तो पार्टी ने गाँवों में तो अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन शहरों में आरजेडी का प्रदर्शन काफी ख़राब रहा। इसीलिए इस बार आरजेडी शहरों की तरफ ध्यान देने में लगी है। 2025 चुनाव से पहले पार्टी गमछा कल्चर ख़त्म करना चाहती है। यही वजह है कि आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी टोपी और बैज को प्राथमिकता दे रही है।

Sonali kesarwani

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Content Writer

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