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Ganesh Chaturthi 2022: सारी विघ्न-बाधाओं को दूर करेंगे गणपति बप्पा, गणेश उत्सव में जरूर गाएँ ये लोकप्रिय आरती

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश पूजा में गणेश आरती का विशेष महत्व है। चाहे कोई भी पूजा हो, सबसे पहले गणेश भगवान की आरती (Ganesh Aarti) ही की जाती है।

Vidushi Mishra
Published on: 29 Aug 2022 7:42 PM IST (Updated on: 29 Aug 2022 7:43 PM IST)
Ganesh Chaturthi 2022
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गणेश चतुर्थी (फोटो- सोशल मीडिया)

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Ganesh Chaturthi 2022: पूरे साल गणपति बप्पा के भक्तों को गणेश उत्सव का बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन अब ये घड़ी बहुत जल्द ही खत्म होने वाली है। जीं हां इस साल 2022 में गणेश उत्सव 31 अगस्त बुधवार से शुरू हो रहा है। बुधवार को वैसे भी भगवान गणेश को समर्पित दिन माना जाता है। ऐसे में पहला शुभ संकेत तो बुधवार है इसके अलावा गणेश चतुर्थी को रवि योग का संयोग भी पड़ रहा है। जिसकी वजह से गणेश चतुर्थी का महत्व इस बार कई गुना बढ़ गया है। ऐसी मान्यता है कि रवि योग में गणेश भगवान की पूजा अर्चना करने से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी मनोकामना को पूरा करते हैं।

पुराणों में, शास्त्रों में सर्वप्रथम पूजनीय भगवान गणेश को माना गया है। इसलिए कोई भी पूजा हो, सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा अर्चना और आरती गायीं जाती हैं। गणेश उत्सव का पर्व 9 दिन तक मनाया जाता है। जगह-जगह गणेश पंडाल और गणेश पूजा का आयोजन किया जाता है। भक्त खूब धूम-धाम से गणपति बप्पा को चतुर्थी वाले दिन अपने घर पर लाते हैं। फिर उत्सव के दौरान श्रद्धा भक्ति से गणेश भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। जिससे सुख-समृद्धि घर आती है।

गणेश चतुर्थी (फोटो- सोशल मीडिया)

गणेश पूजा में गणेश आरती का विशेष महत्व है। चाहे कोई भी पूजा हो, सबसे पहले गणेश भगवान की आरती (Ganesh Aarti) ही की जाती है। आइए गजबदन विनायक भगवान गणेश की लोकप्रिय आरती (Ganesh Aarti) गाते हैं-

॥ श्री गणेशजी की आरती ॥

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ x2

एकदन्त दयावन्त,चार भुजाधारी।

माथे पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥ x2

(माथे पर सिन्दूर सोहे,मूसे की सवारी॥)

पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।

(हार चढ़े, फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।)

लड्डुअन का भोग लगे,सन्त करें सेवा॥ x2

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ x2

अँधे को आँख देत,कोढ़िन को काया।

बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥ x2

'सूर' श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ x2

(दीनन की लाज राखो,शम्भु सुतवारी।

कामना को पूर्ण करो,जग बलिहारी॥ x2)

जय गणेश, जय गणेश,जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥ x2



Vidushi Mishra

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