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Ganesh Chaturthi 2022: पश्चिम भारत का सबसे जीवंत त्योहार, जानें कहां और कैसे मनाया जाता है

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।10 दिवसीय गणेश चतुर्थी 2022 उत्सव शुरू हो गया है और 9 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा।

Anupma Raj
Published on: 1 Sept 2022 8:45 AM IST
Ganeshotsav 2022
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Ganesh Chaturthi (Image: Social Media)

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Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी हवा में रंग की महक, गलियों में बजते ढोल और ढोल की आवाज़ , घरों और बाजारों में जगमगाती रोशनी, चकाचौंध से सजे मंदिर, चमकीले रंगों में रंगी हुई भगवान गणेश की मूर्तियाँ, और मिठाइयां, मोदक की धूम, हर घर में गणेश चतुर्थी का उत्सव और बहुत कुछ।

10 दिवसीय पर्व

हिंदू मान्यता के अनुसार 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी 2022 उत्सव शुरू हो गया है और 9 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा। यह पर्व अधिकांश घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के साथ शुरू होता है, और जुलूस के साथ गणेश विसर्जन (मूर्ति को समुद्र के पानी में डुबोना) के साथ समाप्त हो जाता है। इस दौरान लाखों लोगों की भीड़ रहती है। गणेश चतुर्थी के प्रसिद्ध पश्चिमी भारत उत्सव की खुबसूरती की सराहना करेंगे। COVID-19 के कारण दो सालों से लोगों ने अपने घरों में रहकर गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया लेकिन इस साल कोरोना के आंकड़े कम होने के कारण पूरे भारत में धूमधाम से गणेश चतुर्थी मना रहे हैं।

कहां कहां मनाया जाता है गणेश चतुर्थी का त्योहार

आप चाहें गणेश चतुर्थी कहें, गणेशोत्सव या विनायक चतुर्थी, इस त्योहार के कई नाम हैं। हालांकि, यह पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर देश के पश्चिमी क्षेत्र (विशेषकर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गोवा में) में त्योहार की उपस्थिति बढ़ गई है। हालांकि आपको बता दे कि मुंबई गणेश उत्सव, सबसे बड़ा माना जाता है, जिसमें शहर और पूरे देश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। गणपति बप्पा मोरेया के जयकारे भी इसकी और खुबसूरती बढ़ा देते हैं।

गणेश उत्सव का अतीत और वर्तमान

दरअसल ऐसा माना जाता है कि पहली बार शिवाजी भोंसले (छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में भी जाना जाता है) के शासनकाल में गणेश उत्सव मनाया गया था। बता दे कि गणेश चतुर्थी त्योहार समय के साथ अपना महत्व खो देता, लेकिन इस पर्व को लोकमान्य तिलक ने लोकप्रिय बनाया और इसे वार्षिक घरेलू उत्सव से हर साल मनाए जाने वाले उत्सव में बदल दिया। जो कि आज पूरे जगत में मशहूर हो चुका है।

मूर्ति बनाना

गणेश उत्सव शुरू होने से कुछ महीनों पहले, देश के शिल्पकार (खासकर मुंबई), मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस, प्राकृतिक फाइबर और यहां तक ​​कि रिसाइकल्ड पेपर जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल करके भगवान गणेश जी की मूर्तियों को बनाने का योग्य कार्य शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं कारीगर सबसे प्रभावशाली और आकर्षक डिजाइन की गई मूर्तियों को विस्तार (आकार और आकार, आभूषणों और रंगों के वर्गीकरण) पर बहुत ध्यान देते हैं। समय के साथ साथ मूर्तियों का उपयोग करने की आवश्यकता को भी पूरा किया जाता है, दरअसल जब विसर्जन होता है तो इकोलॉजी पर शून्य प्रभाव पड़ता है।

गणेश चतुर्थी सभी के लिए एक त्योहार

दरअसल गणेश चतुर्थी तब होती है जब जाति, संस्कृति, उम्र में कोई अंतर नहीं होता है, ये त्योहार लोगों को पहले से कहीं ज्यादा करीब लाता है। अगर आप गणेश चतुर्थी के दौरान महाराष्ट्र जाते हैं, तो आपको पता लग जाएगा कि यह त्योहार कितना बड़ा है। यह पूरे राज्य और पड़ोसी राज्यों के लोगों को एक साथ लाता है, खुद को एक अच्छे अनुभव में डुबो देता है।

अपने सबसे जीवंत त्योहार के रंग में मुंबई रंग जाती है

कुछ भव्य पंडालों (अस्थायी तीर्थस्थलों) और खूबसूरत प्रदर्शनों से लेकर उत्साह भरा सड़क जुलूसों तक, गणेश चतुर्थी उत्सव के दस दिनों के दौरान मुंबई शहर और भी अधिक जीवंत (Vibrant) हो जाता है। वडाला में गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (जीएसबी) समिति मंडल से लेकर लालबागचा राजा तक, मुंबई की करीब सभी या यूं कहें कि हर गली में कई उत्सव होते हैं।

त्योहार स्वीटनर (Sweets)

दरअसल मोदक, चावल के आटे के पकौड़े गणेश उत्सव के दौरान प्रसाद के रूप में तैयार और चढ़ाए जाते हैं, और इनमें कोई कमी नहीं है। गणेश उत्सव या गणेश चतुर्थी में मोदक ऐसा मिठाई है, जो सबसे ज्यादा बिकता है।



Anupma Raj

Anupma Raj

Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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