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Ganesh Chaturthi: इसलिए नहीं करना चाहिए गणेश विसर्जन, जानें क्या है कारण
Ganesh Chaturthi: पहले विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता था, लेकिन अब देश के अन्य हिस्सों में भी यह परंपरा शुरू हो गई है।
Ganesh Chaturthi: गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना के कुछ दिन बाद विसर्जन किया जाए या नहीं। हम प्रति वर्ष गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं। अपनी अपनी परम्परा अनुसार 3, 5, 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी कर देते हैं। पहले विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता था, क्योंकि एक किंवदंती अनुसार, लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहां बुलाया और कुछ दिन वहां बतौर मेहमान रहने का आग्रह किया था।
जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि भी वहीं रहीं। कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया। कालांतर में यह दिन वहां गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
अन्य जगहों पर क्या है मान्यता?
देश के अन्य स्थानों की बात करें तो गणेश जी हमारे घर के विघ्नहर्ता हैं। घर के विघ्नहर्ता को कभी विदा नहीं करना चाहिए। यदि हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली जाएंगी। हम कहते हैं गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ। इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को अपने घर से विदा कर दिया। विघ्नहर्ता ही अगर घर से विदा हो गए तो हमारे विघ्न कौन हरेगा। किसी भी शुभ कार्य को हम कैसे करेंगे ? जब हमने उन्हें ही एक वर्ष के लिए विदा कर दिया। इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करें।
- रजनीश श्रीवास्तव