गणेश चतुर्थी: इसलिए हर रंग की मिट्टी से बनाई जाती है गणेश जी की मूर्ति

Manali Rastogi
Published on: 11 Sep 2018 10:18 AM GMT
गणेश चतुर्थी: इसलिए हर रंग की मिट्टी से बनाई जाती है गणेश जी की मूर्ति
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लखनऊ: कहते हैं भगवान की पूजा उनकी मूर्ति का रंग देखकर नहीं बल्कि श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। मगर पुराणों के हिसाब से भगवान गणेश की तरह- तरह रंगो वाली मूर्तियों का भी अपना महत्व हैं।

जी हां, जैसा कि आप जानते है भगवान गणेश का जन्म माता पार्वती के उबटन के मैल से हुआ था और ये उबटन अलग- अलग रंगों वाली मिट्टी से बनाया गया था। तो आज हम आपकों गणेश चतुर्थी के अवसर पर अनेक रंगों वाली मिट्टी की मूर्तियों के बारे में बताएंगे।

सफ़ेद रंग की मूर्ति

अगर भगवान गणेश की मूर्ति सफ़ेद रंग हो तो कहते हैं यह चन्द्र तथा शनि से जुड़े कष्टों से छुटकारा दिला सकती है। और शादीशुदा ज़िंदगी में चल रही दिक्कत और आपकी मां को कोई कष्ट हो तो सफ़ेद रंग की मिट्टी के गणेश की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

काली रंग की मिट्टी

वैसे तो कलि मिट्टी की मूर्ति शनि भगवान की होती हैं लेकिन बता दें, गणेश की मूर्ति अगर काले रंग की हो तो उसका भी एक महत्व हैं। दरअसल दक्षिण दिशा में शनिदेव का प्रकोप अधिक होने के कारण पूरे दक्षिण भारत में भगवान गणेश की काले रंग की मूर्ति की पूजा की जाती है। जिससें व्यापर, चिकित्सा, वकालत आदि से संबंधित परेशानियों को दूर करता है।

पीली रंग की मिट्टी

गणेश चतुर्थी के अवसर पर ज्यादातर मुर्तिया पीले रंग की दिखाई देती हैं क्योंकि गणेश निर्माण से गुरु और केतु ग्रह से जुड़ी परेशानियां जैसे विद्या में रुकावट, संतान ना होना, आर्थिक कष्ट, उदररोग आदी का निवारण होता है। और साथ इस रंग की मूर्ति परिवार का वंश बढ़ाने में सहायक होटी हैं।

लाल रंग की मिट्टी

अगर लाल रंग की मूर्ति का निर्माण किया जाए तो यह सूर्य ग्रह से जुड़े कष्टों से निज़ात दिला सकता है। और सूर्य कष्टों से ही नही बल्कि, पति-पत्नी के मंगल दोष, भूमि, भाइयों में दुश्मनी, राजकीय पीड़ा, भवन आदि कष्ट लाल रंग के गणपति की पूजा करने से कम हो जाते हैं।

हरे रंग की मिट्टी

हरी मिट्टी वाली गणेश मूर्ति की पूजा करने से बुध और राहू ग्रह से व्यापर और विद्या सम्बंधी दिक्कतों से राहत मिलती हैं। कई तरह की शारीरिक परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।

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