TRENDING TAGS :
मकर संक्रांति : 'ममता दी' के राज में महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़
राज्य के गंगासागर में मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के लिए पहुंचे 30 लाख लोगों में शामिल महिलाओं को बेइज्जत करने का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए ड्रोन को काफी कम ऊंचाई पर उड़ा कर नहाती और कपड़े बदलती महिलाओं की तस्वीरें कैद की जाती रही।
कोलकाता : राज्य के गंगासागर में मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के लिए पहुंचे 30 लाख लोगों में शामिल महिलाओं को बेइज्जत करने का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए ड्रोन को काफी कम ऊंचाई पर उड़ा कर नहाती और कपड़े बदलती महिलाओं की तस्वीरें कैद की जाती रही। और प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी पुलिस और अन्य अधिकारी कान में तेल डाले बैठे रहे। काफी देर बाद डीएम वाई रत्नाकर राव की नजर जब इस ओर गई तो उन्होंने ड्रोन को रोकने का आदेश दिया। मामला सोमवार का है लेकिन मंगलवार को इसका खुलासा हुआ है।
ये भी देखें : सेना दिवस के मौके पर जानिए इतिहास और मुस्लिम रेजिमेंट का सच
जानिए क्या है मामला
सोमवार सुबह के समय स्नान के आरंभिक घंटों में समुद्र तट की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा था। महिलाओं के लिए नहाने और कपड़े बदलने के लिए एक घेरा बनाया गया था जिसकी कोई छत नहीं थी। उसी घेरे में महिलाएं नहा भी रही थीं और कपड़े भी बदल रही थीं। उन क्षेत्रों में ड्रोन बहुत कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। इसके बाद विभिन्न संस्थाओं के लोगों ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी और ड्रोन को तत्काल उड़ने से रोकने की गुहार लगाई| लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी।
ये भी देखें : कुंभ 2019: मकर संक्राति पर पहला शाही स्नान, साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
कुछ देर बाद दैनिक निगरानी के लिए कलेक्टर वाई रत्नाकर राव कंट्रोल रूम में पहुंचे। जैसे ही उन्होंने ड्रोन कैमरे की तस्वीर देखी, उन्हें गुस्सा आ गया| उन्होंने कार्यकर्ताओं से ड्रोन को रोकने के लिए कहा। बाद में यह आदेश जारी किया गया कि ड्रोन को हर समय एक विशिष्ट ऊंचाई पर रखा जाए।
फिलहाल इस मामले में किसी को कोई सजा नहीं मिली है सिर्फ चेतावनी दे कर छोड़ दिया गया है।