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MP का रहस्यमयी किला: जो गया अंदर कभी ना आया बाहर, बगल से गुजरने पर आती हैं डरावनी आवाज़ें

MP का रहस्यमयी किला: इस जगह पर घूमने के लिए आई बारात थी अचानक से गायब हो गई थी। चलिए इससे पर्दा उठाते हुए आपको बताते है कि यह किला मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित गढ़कुण्डार का किला है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 25 Sept 2022 7:27 AM IST
MP का रहस्यमयी किला
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MP का रहस्यमयी किला(Image credit: social media)

MP का रहस्यमयी किला: क्या आप भारत में इन रहस्यमयी जगहों पर जाने की कभी हिम्मत कर पाएंगे जहां दिन में अकेले जाना भी लोगों को डरावना लगता है। बता दें कि भारत में इन रहस्यमयी जगहों के बारे में कई प्रकार की कहानियां प्रचलित हैं। हैरानी की बात है कि लोग इन जगहों पर शाम के समय में भी जाने से कतराते हैं। इन्हीं रहस्यमय जगहों में से एक ऐसा किला भी है जहां एक बार पूरी की पूरी बारात गायब हो गयी थी। जी हाँ , आप भी दांतों तले ऊँगली दबाने को मज़बूर हो जाएंगे। जब जानेंगे कि इस जगह पर घूमने के लिए आई बारात थी अचानक से गायब हो गई थी। चलिए इससे पर्दा उठाते हुए आपको बताते है कि यह किला मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित गढ़कुण्डार का किला है। जो अपने रहस्य के कारणों से लोगों के बीच बेहद भय और कोतुहल का विषय बना हुआ है।


गढ़कुंडार का रहस्य

गढ़कुंडार किले के आस-पास रहने वाले स्थानीय लोगों के मुताबिक़ यह किला बेहद रहस्यमयी है। वे बताते हैं कि यहां काफी समय पहले पास के गांव की एक बारात आई थी, जो किले के अंदर घूमने गई थी। घूमते-घूमते वो लोग किले के तलघर में चले गए। जिसके बाद से ही वो रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हो गए। बता दें कि बारात के उन 50-60 लोगों का आज तक पता नहीं चल सका। लेकिन उसके बाद में यहाँ कुछ ऐसी रहस्यमयी और खतरनाक घटनाएं घटने के कारण किले के नीचे के दरवाजों को बंद कर दिया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार कभी भी भूलवश भी किले के पास शाम में नहीं जाना चाहिए, कारण अलग-अलग तरह की अजीब आवाजें आजतक आती हैं।

भूल-भुलैया के समान है गढ़कुंडार किला

यह रहस्यमयी किला किसी भूल-भुलैया से बिल्कुल कम नहीं है। अगर इसकी पूरी और सही जानकारी ना हो तो इसके अंदर जाने पर कोई भी दिशा भूल सकता है। उल्लेखनीय है कि किले के अंदर बेहद अंधेरा होने के कारण यह दिखने में काफी डरावना लगता है। आजतक इसके अंदर अकेले जाने से हर व्यक्ति डरता है। कहा जाता है कि किले के नीचे एक बेशकीमती खजाना छिपा है जिसकी तलाश में कई लोगों ने जान गवां दी है। प्रचलित मान्यताओं कि मानें तो इस किले के अंदर कई किलो सोना छिपा हुआ है।

इसके अलावा भी दुनिया में ऐसे कई किले मौजूद हैं, जो इतने ज्यादा रहस्यमयी हैं कि उनके बारे में कोई भी ठीक से नहीं जानता।

गौरतलब है कि इस रहस्यमयी और डरावने किले में पांच मंजिला इमारतें बनी होने के साथ इसमें तीन मंजिल ऊपर और दो मंजिल जमीन के अंदर मौजूद हैं। लेकिन आजतक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इसका निर्माण कब और किसने करवाया है। फिर भी इस किले को 1,500 से 2,000 साल पुराना माना जाता है।

बेहद विचित्र है इस किले की बनावट

जानकारों के अनुसार यहां बुंदेलों एवं खंगार जैसे अनेक शासकों ने शासन किया था। बता दें कि यह किला सुरक्षा की नज़र से तैयार करवाया गया एक बेजोड़ नमूना है, जो लोगों को काफी शंकित कर देता है। उल्लेखनीय है कि इस गढ़ का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि चार-पांच किलोमीटर दूर से तो यह नज़र आता है, लेकिन जैसे ही इसके पास जाते रहते हैं, यह दिखना तक बंद हो जाता है। जिसके कारण इसकी गिनती भारत के सबसे रहस्यमयी किलों में होती है।

इस किले से जुडी कहानियां

इस किले से जुडी कुछ कहानियों में से एक के अनुसार, यहां काफी समय पहले पास के ही गांव से एक बारात घूमे आई थी। भ्रमण करते-करते बारात बेसमेंट में चली गई, जिसके तत्पश्चात बारात के सभी लोग रहस्यमयी तरीके से अचानक अदृश्य हो गए और उनका आज तक कुछ पता नहीं चल सका। इस घटना के बाद तरह-तरह की कई और घटनाएं सामने आई थी, जिसके बाद से किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिए गए।

छिपा है खजाना

अनेक लोग ने यहाँ खजाने की तलाश में आये और गायब हो गए। इस गढ़ के भीतर बेहद ही अंधेरा है, जिसके कारण दिन में भी ये काफी डरावना लगता है। कहा जाता है कि इस किले में एक खजाने का रहस्य भी छुपा हुआ है, जिसे खोजने के चक्कर में अभी तक अनेक लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। इतिहासकारों के अनुसार यहां के राजा-महाराजाओं के पास सोने-चांदी और हीरे के ज्वाहरातों की कोई कमी नहीं थी, लेकिन खजाने की तलाश में आए कई लोग इन्हें ढूंढने में नाकाम रहने के साथ अपनी जान भी गवां बैठे।



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Preeti Mishra

Preeti Mishra

Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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