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भोपाल गैस त्रासदी: हजारों लोगों की गई थी जान, आज भी कई बच्चे हैं विकलांग
भोपाल: 2 दिसंबर ये वो तारीख है, जिसे आज भी भोपाल के लोग नहीं भूल पाए हैं। आज से तकरीबन 32 साल पहले भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड प्लांट से टनों मिथाइल आइसोसाइनेट(एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था। इससे 1500 हजार लोगों की मौत हुई थी। सरकारी आंकड़ों की मानें तो इससे करीबन 5,58,125 लोग प्रभावित हुए थे। गैस त्रासदी से आज भी कई लोग सांस और कैंसर की बीमारी के शिकार हैं।
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गैस त्रासदी की 32वीं बरसी आज
-गुरुवार को जारी हुए बयान के मुताबिक भोपाल गैस त्रासदी की 32वीं बरसी मनाई जाएगी ।
- बरकतउल्ला भवन (सेंट्रल लायब्रेरी) में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी।
-प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग उपस्थित रहेंगे।
-यहां जहरीली गैस से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
क्या था मामला ?
-2 दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था।
-यूनियन कार्बाइड कारखाने के 610 नंबर के टैंक में खतरनाक मिथाइल आइसोसाइनाइट रसायन था।
-इसमें एक धमाका हुआ और टैंक फट 42 टन जहरीली गैस पूरे शहर में फैल गई।
-इसमें हजारों लोग मारे गए थे और कई लोगों के घरों में आज भी कई बच्चे विकलांग पैदा होते हैं।
-भोपाल गैस त्रासदी के सबसे बड़े आरोपी 92 साल के वॉरेन एंडरसन की मौत हो गई।
-एंडरसन यूनियन कार्बाइड का मुखिया था। जिसे इस हादसे के बाद अरेस्ट कर लिया गया था।
-कुछ दिनों के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था।