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Gautam Adani: अडानी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, हिंडनबर्ग पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग

Gautam Adani: सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका एक एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दाखिल की गयी है। याचिका में कहा गया है कि अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ जांच कराई जानी चाहिए ।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 3 Feb 2023 8:32 AM GMT
Gautam Adani
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Gautam Adani (सोशल मीडिया) 

Gautam Adani: अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग रिसर्च का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। शीर्ष अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी है जिसमें हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक के खिलाफ कार्रवाई और अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों के लिए मुआवजे की मांग की गई है।

जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका एक एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दाखिल की गयी है। याचिका में कहा गया है कि अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ जांच कराई जानी चाहिए क्योंकि इस फर्म की रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भरी गिरावट आई है। याचिकाकरता ने यह भी मांग की है कि शॉर्ट-सेलिंग फर्म और इसके संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच ही कराई जाये और उन पर कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एंडरसन को 'शॉर्ट-सेलर' कहा गया है और अडानी समूह की कंपनियों के 'निर्दोष निवेशकों को धोखा देने' के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है।

गिरावट का सिलसिला

अडानी की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को जारी रहा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, , यह एक संकेत है कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अडानी को अपने ग्रुप की वित्तीय सेहत में निवेशकों और बाजार का विश्वास बहाल करने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता है। अडानी ग्रुप के शेयर की वैल्यू गिरने से अडानी ग्रुप की वैल्यू 120 बिलियन डॉलर घट चुकी है।

अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का शेयर स्टॉक एक्सचेंज में बीते सात कारोबारी सत्रों में 66 फीसदी गिर चुका है। इसके शेयरों में निरंतर मंदी अडानी की फंडिंग तक पहुंच के बारे में चिंता को दर्शाती है। हिंडनबर्ग द्वारा ग्लोबल मंच पर अडानी समूह के ऋण भार के बारे में बताया गया था। बताया जाता है कि गिरवी रखे गए शेयरों द्वारा समर्थित कुछ ऋणों को पूर्व भुगतान करने के लिए अडानी कुछ लेनदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं क्योंकि कुछ बैंकों ने अडानी ग्रुप की प्रतिभूतियों को स्वीकार करना बंद कर दिया है। इन बैंकों में क्रेडिट सुइस और सिटीबैंक शामिल हैं जिन्होंने अडानी के बांड्स की वैल्यू को जीरो कर दिया है यानी इन बांड्स के बदले अब लोन नहीं दिया जाएगा। कुल मिला कर अभी स्थितियां अच्छी नजर नहीं आ रहीं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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