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Gautam Adani: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पहली बार मिले गौतम अडानी और शदर पावर, मुलाकात से गर्माया माहौल

Gautam Adani Met Sharad Pawar: हिंडनबर्ग ने अरबपति अडानी से संबंधित फर्मों में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

Viren Singh
Published on: 20 April 2023 2:45 PM GMT (Updated on: 20 April 2023 3:29 PM GMT)
Gautam Adani: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पहली बार मिले गौतम अडानी और शदर पावर, मुलाकात से गर्माया माहौल
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Gautam Adani Met Sharad Pawar

Gautam Adani Met Sharad Pawar: हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी पहली बार किसी राजनेता से मुलाकात की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने गुरुवार को मुंबई में एनसीपी प्रमुख शदर पावर के मुलाकात की है। दोनों लोगों को यह मुलाकात करीब 2 घंटे की बताई जा रही है और यह शरद पवार के आवास स्लिवर ओक पर हुई है। नेता और उद्योगपति के बीच हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियों में हलचल मचा दी है। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जाने लगे हैं। हालांकि अभी दोनों लोगों को ओर से इस मुलाकात का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि यह पवार और अडानी के बीच मुलाकात किसके चलते हुए।

क्या मुलाकात में हुई जेपीसी का चर्चा!

अडानी और पावर की इस कदम से हुई मुलाकात के इस लिए भी कई मयाने निकाले जा रहे हैं, क्योंकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से देश का विपक्षीय दल खासकर आम आदमी पार्टी (आप) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी पर हमलवार है। विपक्षीय दल लगातार केंद्र की मोदी सरकार से हिंडनबर्ग मामले को लेकर अडानी ग्रुप की जेपीसी से जांच करने की मांग कर रहा है। विपक्षीय पार्टियां इस मांग को लेकर संसद भवन से लेकर सड़क तक मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च भी निकाल चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी जेपीसी जांच को लेकर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में शदर पावर विपक्षीय दल का प्रमुख चेहरे में से हैं और सभी नेताओं की बीच उनकी बात की स्वीकार्यता भी है। तो ऐसे में इस बात को अंदर खाने मजबूत बल मिला है कि कहीं पावर और अडानी की मुलाकात जेपीसी मुद्दे को लेकर तो नहीं हुई है।

जेपीसी की मांग ने भी डाला कारोबार पर असर

दरअसल, हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप और उसके मुखिया गौतम अडानी को तगड़ा झटका लगा है। 24 जनवरी को रिपोर्ट सामने आने के बाद से ग्रुप शेयरों की हालत बाजार खराब बनी हुई है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए इसके सारे आरोपों को झूठा करार दिया था, लेकिन खंडन ने बाजार में कोई विशेष प्रभाव नहीं डाला और शेयर लगातार गिरते रहे। उधर, रिपोर्ट आने के बाद से देश का विपक्षीय दल लगातार हिंडनबर्ग के लगे आरोपों की जांच केंद्र सरकार से जेपीसी से कराने की मांग में तुला हुआ है। इस वजह से भी अडानी ग्रुप के कारोबार में भी कहीं न कहीं प्रभाव दिख रहा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आए दो महीने से अधिक समय बीत गया है, लेकिन बाजार में सूचीबद्ध ग्रुप की कंपनियों के शेयर उतना दमदार प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, जितना अब गौतम अडानी उम्मीद कर रहे हैं।

जेपीसी पर बोले थे पवार

हाल ही में एक मीडिया से बात करते हुए अडानी मुद्दे पर शदर पवार ने कहा था कि वह अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति की जांच के विरोध में नहीं हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अडानी के मामलों की जांच को लेकर जो समिति बनाई है, वह अधिक उपयोगी और प्रभावी है और होगी।

उन्होंने कहा था कि मैं जेपीसी का पूरी तरह से विरोध नहीं कर रहा हूं। मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं। जेपीसी का गठन बहुमत (संसद में) के आधार पर किया जाएगा। जेपीसी के बजाय, मेरी राय है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति अधिक उपयोगी और प्रभावी है।

राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा कि उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित लघु विक्रेता हिंडनबर्ग रिसर्च के पूर्ववृत्त के बारे में पता नहीं था, जिसने अरबपति गौतम अडानी से संबंधित फर्मों में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इसके परिणामस्वरूप राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी कांग्रेस और अन्य लोगों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग करते हुए कड़ा विरोध किया।

अडानी के समर्थन में आए पवार

एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इस महीने की शुरुआत में पवार अदानी समूह के समर्थन में सामने आए और समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आसपास की कहानी की आलोचना की। उन्होंने कहा, इस तरह के बयान पहले भी अन्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए थे और कुछ दिनों तक संसद में हंगामा भी हुआ था लेकिन इस बार इस मुद्दे को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया गया।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर पवार का बयान

हिंडनबर्ग के मामले पर पवार ने कहा था कि, जो मुद्दे रखे गए, किसने रखे, बयान देने वाले इन लोगों के बारे में हमने कभी नहीं सुना, बैकग्राउंड क्या है। जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं जो पूरे देश में हंगामा मचाते हैं, तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है, हम इन चीजों की अवहेलना नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि यह लक्षित था।

हिंडनबर्ग ने लगाए थे ये आरोप

आपको बता दें कि अडानी ग्रुप के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को अमेरिका की एक शार्ट सेंलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा था कि अरबपति गौतम अडानी से संबंधित फर्मों में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी की गई है। रिपोर्ट आमने आते ही अडानी ग्रुप के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने हुई, जिससे समूह आज तक नहीं उभर पाया है।

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