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जितनी बड़ी बाउंड्री तोड़ेंगे, कॉम्पिटिशन उतना कम होगा: गौतम अदाणी
Gautam Adani: गौतम अदाणी ने कहा, "वर्तमान परिस्थितियों की आलोचना करना आसान है, लेकिन इसे सुधारना उतना ही मुश्किल है। हमें किसी चीज की आलोचना करने के बजाय उस चीज को सुधारने पर फोकस करना चाहिए।
Gautam Adani: शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान अदाणी ने अपनी जिंदगी के अनुभव और संघर्ष शेयर किए। साथ ही उन्होंने कामयाबी के रास्ते में आने वाली मानसिक बाधाओं को दूर करने के टिप्स भी दिए। गौतम अदाणी ने कहा, "आप जो सपना देखते हैं, उसी को साकार करते हैं. जितनी बड़ी सीमा आप तोड़ते हैं, प्रतियोगिता उतनी ही कम होती है। " अपने संघषों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने 16 साल की उम्र में पहली बार सीमा यानी बाउंड्री तोड़ी थी।
अहमदाबाद में पढ़ाई छोड़कर मैं मुंबई आ गया। मुंबई सिर्फ शहर ही नहीं है। ये मेरे कारोबार का ट्रेनिंग सेंटर भी है। मुंबई में मैंने बड़ी सोच रखना सीखा। बड़े सपने देखना सीखा और उन सपनों को पूरा करना सीखा है।" अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, "वर्तमान परिस्थितियों की आलोचना करना आसान है, लेकिन इसे सुधारना उतना ही मुश्किल है। हमें किसी चीज की आलोचना करने के बजाय उस चीज को सुधारने पर फोकस करना चाहिए। जो इन मुश्किलों को पार कर जाता है. कामयाबी उसी को मिलती है। "
उन्होंने कहा, "हर किसी का रोल मॉडल होता है। जो आपको आपके संघर्ष के समय मोटिवेट करता है. कच्चे रास्तों को पार करकर आप आखिरकार अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं।" अदाणी ने कहा, "हर किसी के लिए कामयाबी के नुस्खे अलग-अलग होते हैं. मेरे लिए कामयाबी के नुस्खे एक ही हैं- जुनून और अलग राह पर चलने की ताकत ही मेरी कामयाबी का नुस्खा है।"