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सेना में समलैंगिक रिश्तों को इजाजत नहीं, SC के फैसले को नहीं किया जा सकता लागू

आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है कि सेना में समलैंगिक रिश्तों को इजाजत नहीं हैं। समलैंगिक यौन संबंध के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सेना में लागू नहीं किया जा सकता है। इससे निपटने के लिए पर्याप्त कानून हैं।

Aditya Mishra
Published on: 10 Jan 2019 3:39 PM IST
सेना में समलैंगिक रिश्तों को इजाजत नहीं, SC  के फैसले को नहीं किया जा सकता लागू
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नई दिल्ली: आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है कि सेना में समलैंगिक रिश्तों को इजाजत नहीं हैं। समलैंगिक यौन संबंध के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सेना में लागू नहीं किया जा सकता है। इससे निपटने के लिए पर्याप्त कानून हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सेना कानून के ऊपर नहीं है। रावत ने कहा, 'हम सेना में ऐसा नहीं होने देंगे।'

उक्त बातें जनरल रावत ने राजधानी दिल्ली में आयोजित सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। यहां रावत ये भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमापार से करीब 300 आतंकी घुसपैठ के लिए बैठे हैं। उन्होंने पाकिस्तान को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि आतंकवाद और वार्ता दोनों एक साथ नहीं हो सकती है, इसलिए बंदूकों को छोड़ो और हिंसा बंद करो।

जहां कश्मीर मसले पर बड़ा बयान देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और बातचीत एक-साथ संभव नहीं है। रावत ने कहा कि तालिबान मामले की तुलना जम्मू-कश्मीर से बिल्कुल नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमारी शर्तों पर ही बातचीत होगी।

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जनरल रावत ने कहा कि बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकता। यह जम्मू-कश्मीर पर भी लागू होता है। जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर बात करते हुए जनरल रावत ने कहा कि कश्मीर में स्थिति और और सुधारने की जरूरत है। शांति के लिए हम केवल वहां माध्यम है।'

इस बीच सेना प्रमुख ने कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से साफ इन्कार किया है।

रावत ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर दो देशों के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए कोई जगह नहीं है। हमें अपने नियमों और शर्तों पर बात करनी हैं। हमारे नियम और शर्तें बहुत स्पष्ट हैं। बातचीत की मेज पर आएं और वार्ता करें, लेकिन बंदूक और हिंसा को छोड़ना होगा।'

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कश्मीर में स्थानीय लोगों पर हुई हिंसा पर पूछे गए सवाल पर जनरल रावत ने कहा, 'भारतीय सेना जानबूझकर किसी नागरिक को लक्षित नहीं करती है, लेकिन हम जानते हैं कि उसी धरती पर उन्हीं लोगों के बीच कुछ आतंकी भी सक्रिय हैं, जो सीमा पार करने का प्रयास करते हैं। इसलिए किसी नागरिक और आतंकवादी को पहचानना बहुत मुश्किल हो जाता है।'

वहीं, सीमा सुरक्षा पर बात करते हुए रावत ने कहा कि हमने चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर बेहतर तरीके से स्थिति को संभाला है।

इस बीच तालिबान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'अगर कई देश तालिबान से बात कर रहे हैं और भारत की अफगानिस्तान में रुचि है, तो हमें भी इसमें शामिल होना चाहिए।'

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