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पंजाब का विरोध, MP को न मिले जिओग्राफिकल इंडिकेशन टैग
चंडीगढ़: मध्य प्रदेश में उत्पादित बासमती चावल को भौगोलिक संकेतक (जीआग्राफिकली इंडिकेशन- जीआई) टैग देने का विरोध किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि बासमती का उत्पादन करने वाले मध्य प्रदेश के 13 जिलों को जीआई टैग देना गैरकानूनी है और इससे बासमती उत्पादक अन्य राज्य प्रभावित होंगे। अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजकर उनसे आग्रह किया है कि वह वाणिज्य मंत्रालय को इस संबंध में निर्देश दें कि मध्य प्रदेश के 13 जिलों में उत्पादित बासमती चावल को जीआई टैग जारी करने का विचार त्याग दे।
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मध्य प्रदेश की ओर से बासमती उत्पादक क्षेत्रों की एक सूची भेजकर उसे जीआई टैग प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि पंजाब के दो लाख किसान बासमती धान का उत्पादन करते हैं। लिहाजा, यह प्रदेश की आर्थिक व सामाजिक स्थिति से जुड़ा महत्वपूर्ण मसला है।पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा जम्मू-कश्मीर के जम्मू और कठुवा बासमती के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं जिन्हें जीआई टैग पहले से प्राप्त है।
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भौगोलिक संकेतक यानी जीआई टैग किसी क्षेत्र विशेष में उत्पादित या प्रचलित वस्तुओं को प्रदान किया जाने वाला अधिकार है जिससे उस वस्तु का नाम दूसरी जगह की वस्तु के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। विश्व व्यापार संगठन के सदस्य के तौर पर भारत ने वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक पंजीयन व सुरक्षा कानून 1999 लागू किया है जो 15 सितंबर 2003 से प्रभावी है।
--आईएएएनएस