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अपने ही प्रत्याशियों का प्रचार नहीं करेंगे गुलाम नबी आजाद, खराब स्वास्थ्य का दिया हवाला, नामांकन वापस लेने की छूट
J&K Assembly Elections 2024: स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वे अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेने तक की छूट दे दी है।
J&K Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने सक्रियता बढ़ा दी है। सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। दूसरी ओर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव समाज पार्टी (DPAP) के नेता गुलाम नबी आजाद ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। इसके पीछे उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वे अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेने तक की छूट दे दी है। आजाद का यह कदम पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी खराब प्रदर्शन के कारण पार्टी को करारा झटका लगा था। अब विधानसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी कमजोर स्थिति में नजर आ रही है।
अपने प्रत्याशियों का प्रचार नहीं करेंगे आजाद
वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आजाद ने लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद अपनी राहें अलग कर ली थीं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन किया था। हालांकि गठन के बाद से ही दलबदल के कारण पार्टी को कई बार झटका लग चुका है। अब चुनाव प्रचार से आजाद का दूरी बनाना भी पार्टी के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आजाद ने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव के दौरान अपने प्रत्याशियों का प्रचार नहीं कर पाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक आजाद का कहना है कि कुछ अप्रत्याशित हालात ने उन्हें चुनाव प्रचार से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया है। श्रीनगर में भी एक स्थानीय एजेंसी को दिए गए बयान में आजाद ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाने की बात कही है।
उम्मीदवारी वापस लेने की छूट
इसके साथ ही आजाद ने अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को उम्मीदवारी वापस लेने की छूट भी दे दी है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को अपनी स्थिति का खुद आकलन करना चाहिए। यदि उन्हें यह महसूस होता है कि मेरे चुनाव प्रचार के बिना वे पूरी मजबूती से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे तो उनके पास उम्मीदवारी वापस लेने की भी आजादी है। चुनाव प्रचार के बिना मैं उन पर चुनाव लड़ने के लिए कोई दबाव नहीं डालूंगा।
आजाद की पार्टी के 13 प्रत्याशियों ने मंगलवार को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। आजाद के इस बयान के बाद इस बात की अटकलें जा रही हैं कि 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाले दूसरे और तीसरे चरण के मतदान के लिए पार्टी की ओर से कोई सूची जारी की जाएगी या नहीं।
खराब स्वास्थ्य के कारण बनाई प्रचार से दूरी
आजाद की पार्टी डीपीएपी के प्रवक्ता सलमान निजामी ने कहा कि आजाद साहब ने स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य के कारणों की वजह से वे अपनी पार्टी के प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। अगर पार्टी के किसी प्रत्याशी को लगता है कि उनकी गैर मौजूदगी के कारण वह पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में नहीं डटा रह सकता तो वह अपना नामांकन वापस लेने के लिए स्वतंत्र है।
निजामी ने कहा कि यह कदम पहले चरण के लिए उठाया गया है। पहले चरण के लिए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख शुक्रवार को है। ऐसे में उम्मीदवारों को अपनी स्थिति का आकलन करते हुए खुद फैसला करना चाहिए।
लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी झटका
लोकसभा चुनाव के दौरान आजाद की पार्टी डीपीएपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने दो लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे मगर दोनों की जमानत जब्त हो गई थी। दोनों लोकसभा सीटों में 36 विधानसभा क्षेत्र शामिल थे और पार्टी प्रत्याशियों को इनमें से किसी भी सीट पर बढ़त हासिल नहीं हुई थी।
इसके साथ ही आजाद की पार्टी से नेताओं के इस्तीफे का दौर भी लगातार बना हुआ है। हाल ही में पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ताज मोहिउद्दीन और हारुन खताना ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। अब आजाद ने खुद चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले ही पार्टी को करारा झटका लगा है।