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'उज्ज्वला' से मिला 'आयुष्मान' आशीर्वाद, मोदी के 'स्ट्राइक' रेट से जदयू-लोजपा की नैया पार
शिशिर कुमार सिन्हा
पटना: बिहार की महिलाओं ने इस बार खुलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ दिया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार की राजनीति से जातीयता के वर्चस्व को खत्म करने में भी काफी हद तक कामयाब रहे हैं। लोकसभा की 40 सीटों में से 39 पर राजग के प्रत्याशियों की जीत को लोग इसी अंदाज में देख रहे हैं। भाजपा के सभी 17 प्रत्याशी जीत गए। जदयू के 17 में से 16 उम्मीदवारों ने झंडा गाड़ा। लोजपा के सभी छह प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। महागठबंधन में राजद के सभी 19 प्रत्याशी हार गए। कांग्रेस के नौ में से आठ हारे। रालोसपा, हम और वीआईपी को भी एक जीत नहीं मिली।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के प्रति संवेदना दिखाते हुए पाटलिपुत्र की जनता ने उनकी बेटी मीसा भारती को आशीर्वाद तो दिया, लेकिन चाचा रामकृपाल आगे निकल गए। जहानाबाद में फॉरवर्ड वोटरों में बिखराव के कारण राजद के सुरेंद्र यादव महागठबंधन का नंबर बढ़ाते दिख रहे थे, लेकिन अंतत: जदयू को 1075 वोट से जीत मिली। केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव अपनी सीट पर मीसा भारती से शुरू में संघर्ष कर रहे थे, लेकिन अंतत: जीत भाजपा के खाते में गई। किशनगंज सीट पर भी जबरदस्त संघर्ष हुआ, लेकिन बाजी कांग्रेस के हाथ गई।
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'अपना भारत' ने ग्राउंड रिपोर्ट में पकड़े थे फैक्टर
'अपना भारत' ने बिहार में अपने चुनाव पूर्व ग्राउंड रिपोर्ट में जनता के मन की बात सामने लाई थी, जिसमें कई लोकसभा सीटों पर मतदाताओं ने उज्ज्वला योजना के कारण महिलाओं की जिंदगी बदलने की बात कही थी। योजनाओं के मामले में उज्ज्वला के साथ आयुष्मान भारत को लोग जबरदस्त बता रहे थे। इसके अलावा बेगूसराय समेत कई लोकसभा सीटों पर मतदाताओं ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक को बड़ा फैक्टर मानते हुए नरेंद्र मोदी के नाम 'अंडर करंट' की बात कही थी। चुनाव पूर्व 'अपना भारत' की इस ग्राउंड रिपोर्ट का प्रमाण 23 मई को परिणाम के रूप में सामने आया।
हॉट सीट बेगूसराय में जबदस्त स्ट्राइक
जेएनयू में 'भारत तेरे टुकड़े ...' के नारे से चर्चा में आए कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी के कारण हॉट सीट बने बेगूसराय में भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बड़ी जीत हासिल हुई। देश के बड़े विश्लेषकों की नजर में कन्हैया यहां गिरिराज पर भारी थे और वामपंथी युवाओं की टोलियां यहां लगातार बड़ा कैंपेन कर रही थीं लेकिन ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान यह बात सामने आ रही थी कि नवादा की जगह जबरदस्ती बेगूसराय से उतारे गए गिरिराज सिंह ही कन्हैया को जवाब दे सकते थे। भाजपा ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक को यहां कन्हैया के खिलाफ जबरदस्त तरीके से पेश किया। गरम खून के कारण चर्चित रहे बेगूसराय जिले को एक समय बिहार का लेनिनग्राद भी कहा जाता था, लेकिन वामपंथी कन्हैया कुमार को बेगूसराय के युवाओं ने राष्ट्रवाद के नारों के बीच स्वीकार नहीं किया।
दो केंद्रीय मंत्रियों की नैया 'मोदी करंट' से पार लगी
केंद्र सरकार के दो मंत्रियों आर.के. सिंह और अश्विनी चौबे को नरेंद्र मोदी के नाम पर वोटरों ने अभयदान दे दिया। आरा से आर.के. सिंह और बक्सर से अश्विनी चौबे की हार की आशंका थी लेकिन अंतत: दोनों की नैया 'मोदी करंट' से पार लग गई। आरा में आर. के. सिंह के खिलाफ सीपीआई एमएल के राजू यादव को महागठबंधन ने समर्थन दिया था। राजू शुरुआत में भारी पड़ रहे थे, लेकिन अंत में आर.के. सिंह का भला हुआ। बक्सर में राजद के जगदानंद भारी थे, लेकिन मोदी करंट में अश्विनी चौबे का भला हो गया।
हर जगह मोदी करंट, हारने की आशंका से सहमे राजग प्रत्याशी भी जीते
वाल्मीकिनगर से जनता दल यूनाईटेड के बैद्यनाथ प्रसाद महतो ने कांग्रेस के युवा चेहरे शाश्वत केदार को बड़े अंतर से हराया। पश्चिम चंपारण से भाजपा के डॉ. संजय जायसवाल ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के ब्रजेश कुमार कुशवाहा को बड़े अंतर से हराया। पूर्वी चंपारण में केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह के खिलाफ फॉरवर्ड वोटरों में टूट की आशंका निराधार साबित हुई। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने अपने बेटे आकाश कुमार सिंह को यहां से रालोसपा का टिकट दिलाया था। कहा जा रहा था कि आकाश भूमिहार वोटरों को अपने साथ लाने में कामयाब रहेंगे लेकिन पूर्वी चंपारण के वोटरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर जबरदस्त वोटिंग कर आकाश की उम्मीदें तोड़ दीं।
शिवहर सीट पर भाजपा की रमा देवी ने राजद के सैय्यद फैसल अली को उम्मीद के मुताबिक बड़े अंतर से हराया। अंतिम समय में भाजपा छोड़ जदयू के टिकट पर उतरे सुनील कुमार पिंटू ने राजद के अर्जुन राय को शुरुआत से अंत तक बड़े अंतर से दूर रखा। मधुबनी में भाजपा के अशोक कुमार यादव भी नरेंद्र मोदी के नाम पर चले अंडर करंट में जीत हासिल करने में कामयाब रहे। विकासशील इंसान पार्टी के बद्री कुमार पूर्वे यहां कांग्रेस के बागी डॉ. शकील अहमद से आगे तो रहे लेकिन जीत से बहुत दूर रह गए। झंझारपुर से जदयू के रामप्रीत मंडल ने राजद के गुलाब यादव, सुपौल से जदयू के दिलेश्वर कामत ने कांग्रेसी रंजीता रंजन को करारी शिकस्त दी।
सुपौल में महागठबंधन के बिखराव का फायदा भी दिलेश्वर के खाते में आया। अररिया में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह ने उपचुनाव में सांसद बने राजद के सरफराज आलम को हरा दिया। कटिहार में जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने राकांपा से कांग्रेस में आए तारिक अनवर को हराया। पूर्णिया सीट भाजपा से छीनकर जदयू को देने का भी कोई बुरा प्रभाव नहीं सामने आया। यहां जदयू के संतोष कुमार ने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया। मधेपुरा के लोगों ने सांसद पप्पू यादव को तीसरे स्थान पर फेंकते हुए जदयू के दिनेश चंद्र यादव को बड़ी जीत दिलाई। शरद यादव दूसरे स्थान पर रहे। दरभंगा सीट की घोषणा सबसे पहले हुई। यहां भाजपा के नए प्रत्याशी गोपालजी ठाकुर ने राजद के कद्दावर अब्दुल बारी सिद्दीकी को बहुत बड़े अंतर से हराया। मुजफ्फरपुर में अजय निषाद ने वीआईपी के राज भूषण चौधरी को बड़े अंतर से हराया। वैशाली में लोजपा की वीणा देवी ने राजद के फॉरवर्ड फेस रघुवंश प्रसाद सिंह को करारी शिकस्त दी।
गोपालगंज में जदयू के आलोक कुमार सुमन ने राजद के सुरेंद्र राम को हराया। बाहुबली अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह ने सीवान में बाहुबली मो. शहाबुद्दीन की पत्नी राजद प्रत्याशी हिना शहाब को हराया। महाराजगंज में भाजपा के पुराने नेता जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने राजद के रंधीर कुमार सिंह को हराया। बड़ी हार की आशंका को टालते हुए भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने राजद के चंद्रिका राय को सारण सीट पर हरा दिया। महागठबंधन में टूट और तेज प्रताप यादव की बगावत को भी चंद्रिका की हार का कारण बताया जा रहा है। हाजीपुर में लोजपा के पशुपति कुमार पारस और उजियारपुर से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय की भी हार की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन पारस ने राजद के शिवचंद्र राम और नित्यानंद ने रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को बड़े अंतर से हरा दिया। समस्तीपुर से लोजपा के रामचंद्र पासवान ने कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार को हराया। खगडिय़ा सीट पर तमाम जातीय समीकरणों को दरकिनार कर वोटरों ने राजग का साथ दिया। यहां से लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर ने 'वीआईपी' के प्रमुख सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी पर जीत हासिल की।
भागलपुर सीट राजद के बुलो मंडल नहीं बचा सके। जदयू ने इस सीट पर अपने विधायक अजय मंडल को मौका दिया था। माना जा रहा था कि जदयू अगर भागलपुर सीट निकाल लेती है तो अन्य सीटों पर भी उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा। भागलपुर में मुस्लिम वोटरों के प्रभाव के कारण भी राजग की जीत मुश्किल बताई जा रही थी, लेकिन माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला और आयुष्मान भारत योजना के कारण गरीब महिलाओं ने विशेष रूप से भागलपुर समेत ज्यादातर सीटों पर राजग का साथ दिया। भागलपुर के निकटवर्ती बांका में भी जदयू के गिरधारी यादव की उम्मीदवारी पर बवाल हो रहा था लेकिन वह भी राजद के जयप्रकाश यादव पर भारी पड़े। भाजपा की बागी पुतुल कुमारी लड़ाई से बाहर हो गईं। मुंगेर सीट पर भी जबरदस्त बवाल था, लेकिन जदयू ने इसपर अपने कद्दावर नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को जिताने में पूरी ताकत झोंक दी। बाहुबली और जदयू के बागी अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने टक्कर जबरदस्त दी, लेकिन जीत नहीं सकीं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जदयू के कौशलेंद्र कुमार को हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अशोक कुमार आजाद ने कड़ी टक्कर दी लेकिन कौशलेंद्र भारी पड़े। पटना साहिब से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शत्रुघ्न सिन्हा को करारी शिकस्त दी। सासाराम में भाजपा के छेदी पासवान से कांग्रेस की मीरा कुमार जीत नहीं सकीं। काराकाट से भी रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा जीत नहीं सके। यहां उन्हें जदयू के महाबली सिंह ने निकटतम लड़ाई में हराया। औरंगाबाद में भाजपा के सुशील कुमार सिंह ने 'हम' के उपेंद्र प्रसाद को नजदीकी लड़ाई में हराया जबकि गया में जदयू के विजय कुमार ने हम प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को हरा दिया।
नवादा में बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह की उम्मीदवारी पर बहुत बवाल हुआ था। वह राजद की विभा देवी को हराने में कामयाब रहे। विभा देवी राजद के बाहुबली राजवल्लभ यादव की पत्नी हैं। जमुई में लोजपा के युवा प्रत्याशी और रामविलास पासवान के बेटे चिराग को राजद के भूदेव चौधरी उम्मीद के मुताबिक टक्कर नहीं दे सके। वोटरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वोटिंग करते हुए यह सीट लोजपा के नाम कर दी।
खास प्रत्याशियों का हाल
जीते
रामकृपाल यादव
गिरिराज सिंह
आर.के. सिंह
अश्विनी चौबे
राधा मोहन सिंह
कविता सिंह
राजीव प्रताप रूडी
नित्यानंद राय
रविशंकर प्रसाद
चिराग पासवान
हारे
मीसा भारती
कन्हैया कुमार
तारिक अनवर
पप्पू यादव
शरद यादव
रघुवंश प्रसाद सिंह
हिना शहाब
उपेंद्र कुशवाहा
शत्रुघ्न सिन्हा
मीरा कुमार
उपेंद्र कुशवाहा