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स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ाई जानी चाहिए: गिरिराज सिंह
केंद्रीय पशुधन डेरी और मत्स्य मंत्री बिहार के बेगूसराय में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञापन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा देश केवल अपनी संस्कृति से सुरक्षित रह सकता है।
नई दिल्ली: अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर गजब का बयान दिया है। यह बयान देश के उन मेधावी छात्रों को लेकर दिया है जो मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई करके आईआईटी का कम्पटीशन निकालने के बाद वहां पढ़ाई करते हैं और फिर विदेशों में अच्छी नौकरियों पर जाते हैं।
स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ाई जानी चाहिए: गिरिराज सिंह
मंत्री ने कहा है कि स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ाई जानी चाहिए। अब आप को लगेगा कि मेधावी छात्रों से गीता पढ़ाने का क्या संबंध तो जानिए मंत्री जी के हिसाब से बहुत गहरा रिश्ता है। क्योंकि गिरिराज सिंह का कहना है कि बच्चे मिशनरी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं और वहां से सलेक्ट होकर आईआईटी पढ़ने चले जाते हैं, इसके बाद इंजीनियर बन कर बेहतर पैकेज पर विदेश निकल जाते हैं, वहां वह बीफ खाना शुरू कर देते हैं। कारण उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपरा की जानकारी तो होती ही नहीं है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भगवद गीता स्कूलों में इसलिए पढ़ाई जानी चाहिए ताकि बच्चों में संस्कृति और परंपरा के मूल्यों की स्थापना हो सके। मंत्री इसके लिए दोषी अभिभावकों को ठहराते हैं जो कि उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं के मूल्यों की शिक्षा देते नहीं हैं और बाद में शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे उनका ख्याल नहीं रखते।
देश केवल अपनी संस्कृति से सुरक्षित रह सकता है: गिरिराज सिंह
इसीलिए उन्होंने स्कूलों में भगवद् गीता पढ़ाए जाने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा सौ घरों के एक सर्वे में हमें केवल 15 घरों में हनुमान चालीसा मिली, इसके अलावा गीता और रामायण केवल 3 घरों में मिली। इसलिए हम बच्चों को दोष नहीं दे सकते।
केंद्रीय पशुधन डेरी और मत्स्य मंत्री बिहार के बेगूसराय में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञापन कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा देश केवल अपनी संस्कृति से सुरक्षित रह सकता है।