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Gave up Indian Citizenship: भारतीय नागरिकता छोड़ने की होड़ और प्रवासी भारतीयों पर बढ़ते हमले

Gave up Indian Citizenship: एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 13 मिलियन भारतीय नागरिक जिनमें मजदूर, पेशेवर और एक्सपर्ट्स शामिल हैं, फिलहाल विदेशों में रह रहे हैं। इनमें से तमाम लोगों ने निजी सुविधा के चलते विदेशी नागरिकता का चुनाव किया है।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 13 Dec 2024 8:43 AM IST
Gave up Indian Citizenship
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भारतीय नागरिकता छोड़ने की होड़ और प्रवासी भारतीयों पर बढ़ते हमले (Social media)

Gave up Indian Citizenship: एक चौंकाने वाली जानकारी के मुताबिक देश से पलायन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच सालों में आठ लाख भारतीयों ने भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। विदेश मामलों के मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 2019 में जहां 1,44,017 थी; वहीं 2020 में 85,256 थी; 2021 में 1,63,370 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी थी तो 2022 में 2,25,620 इस कतार में शामिल थे जबकि 2023 में यह संख्या 2,16,219 रही है।

गौर करें तो 1,22,819 (2011 में) था; 1,20,923 (2012 में); 1,31,405 (2013 में); 1,29,328 (2014 में); 1,31,489 (2015 में); 1,41,603 (2016 में); 1,33,049 (2017 में); 1,34,561 (2018 में), यह आंकड़ा रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 13 मिलियन भारतीय नागरिक जिनमें मजदूर, पेशेवर और एक्सपर्ट्स शामिल हैं, फिलहाल विदेशों में रह रहे हैं। इनमें से तमाम लोगों ने निजी सुविधा के चलते विदेशी नागरिकता का चुनाव किया है। रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीय नागरिकों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग विदेश में ही रोजगार के लिए बस जाते हैं और फिर निजी कारणों के चलते विदेशी नागरिकता ले लेते हैं।

ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू की 2020 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अच्छी जीवनशैली के लिए लोग नई नागरिकता लेते हैं। इसके साथ ही भारत में अपराध दर बढ़ने या देश में व्यावसायिक अवसरों की कमी की वजह से भी लोग ऐसा करते हैं। इसके अलावा विदेशों में अच्छी सैलरी और काम करने का बेहतर माहौल भी लोगों के लिए भारत छोड़ने की एक बड़ी वजह के रूप में सामने आया है। भारतीयों को जहां विदेशों में नागरिकता पसंद आ रही है वहीं संसाधनों में भागीदारी के चलते उन पर कई देशों में हमले भी बढ़े हैं।

खतरे में विदेशों में रह रहे भारतीय, लगातार हो रहे हमलों से 2023 में 86 की जान गई

विदेश मामलों के मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा को जानकारी दी है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों पर हुए हमलों में 2023 में 86 भारतीयों की मौत हुई है। इनमें अमेरिका में जहां 12 भारतीयों की जान गई वहीं कनाड़ा और यूनाइटेड किंगडम में दस दस भारतीयों की जान गई है। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 2021 में भारतीयों पर हमलों और जान गंवाने के जहां 29 मामले सामने आए थे वहीं 2022 में 57 और 2023 में 86 मामले सामने आए हैं।

मंत्री ने बताया कि 2023 में जिन 86 भारतीय नागरिकों पर हमला किया गया या उनकी हत्या की गई, उनमें से 12 संयुक्त राज्य अमेरिका में थे, और 10 प्रत्येक कनाडा, यूनाइटेड किंडोम और सऊदी अरब में थे। उन्होंने कहा विदेश में भारतीयों की सुरक्षा और सुरक्षा भारत सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक है। हमारे मिशन और पोस्ट सतर्क रहते हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर बारीकी से नजर रखते हैं। ऐसी घटनाओं को तुरंत मेजबान देश के संबंधित अधिकारियों के साथ उठाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामलों की उचित जांच हो और अपराधियों को दंडित किया जाए।



Ragini Sinha

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