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Good Friday 2023: आज ही सूली पर चढ़ाए गए थे ययीशु

Good Friday 2023: ईसा मसीह ने मानव जाति के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया था इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग 'गुड फ्राइडे' के रूप में मनाते हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 7 April 2023 4:37 PM IST
Good Friday 2023: आज ही सूली पर चढ़ाए गए थे ययीशु
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Good Friday 2023 (photo: social media )

Good Friday 2023: आज गुड फ्राइडे है। ईसाइयों के लिए एक शोक का दिन क्योंकि आज ही के दिन जीसस क्राइस्ट या ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। उस दिन शुक्रवार था और ठीक तीसरे दिन यानी रविवार को यीशु पुनः प्रगट हुए थे। इसलिए गुड फ्राइडे के बाद वाले रविवार को ईस्टर संडे कहा जाता है।

ईसा मसीह ने मानव जाति के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया था इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग 'गुड फ्राइडे' के रूप में मनाते हैं। गुड फ्राइडे को होली डे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को मुख्य रूप से ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह की कुर्बानी दिवस के रूप में मनाते हैं।

क्या है बाइबल में

बाइबल के अनुसार मानव जाति के कल्याण के लिए इस दिन प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश देने वाले ईसा मसीह ने बलिदान दे दिया था। यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी और फिर सूली पर चढ़ा दिया, उस दिन शुक्रवार था।

बाइबल में यह भी बताया गया है कि लगभग 6 घंटे तक ईसा मसीह को कीलों से ठोका गया था और फिर उन्हें लटकाया गया था। कुछ मान्यताओं के अनुसार सूली पर चढ़ाने के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो गए थे, उस दिन रविवार था। ऐसे में पूरी दुनिया में उसे ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन का महत्व

गुड फ्राइडे के पहले ईसाई धर्म के लोग 40 दिन तक उपवास रखते हैं वहीं कुछ लोग सिर्फ शुक्रवार को उपवास रखते हैं, इसे "लेंट" कहा जाता है। इस दिन लोग चर्च और घरों में सजावट की वस्तुएं कपड़े से ढक देते हैं और चर्च में काले कपड़े पहनकर लोग शोक जताते हैं। साथ ही, प्रभु यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और ईसा मसीह के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है। इस दिन गिरजाघरों में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। साथ ही लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर प्रभु यीशु का स्मरण करते हैं। इस दिन लोग प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण करते हैं और उन्हें अपने जीवन में ढालने की कोशिश करते हैं। लोग प्रभु यीशु के बताए प्रेम, सत्य और विश्वास के मार्ग पर चलने की शपथ लेते हैं। मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को याद करते हुए दान-धर्म के कार्य किए जाते हैं। व्रत के बाद मीठी रोटी बनाकर खाई जाती है और लोगों में बांटी जाती है।

यही दिन क्यों?

आध्यात्मिक विवरणों के अनुसार यीशु का क्रुसिफिकेशन संभवतः किसी शुक्रवार को किया गया था। दो भिन्न वर्गों के अनुसार गुड फ्राइडे का अनुमानित वर्ष एडी 33 है, जबकि आइजक न्यूटन ने बाइबिल और जूलियन कैलेंडर के बीच के अन्तर और चांद के आकार के आधार पर गणना की है कि वह वर्ष मूलतः एडी 34 है।

अलग अलग परंपरा

रोमन कैथोलिक चर्च गुड फ्राइडे को उपवास दिवस के तौर पर मानता है, जबकि चर्च के लैटिन संस्कारों के अनुसार एक बार पूरा भोजन और दो अल्पाहार लिया जाता है। जिन देशों में गुड फ्राइडे का दिन अवकाश का दिन नहीं होता, वहां अपराह्न 3 बजे के बाद आमतौर पर कुछ घंटों के लिए कामकाज बंद कर दिया जाता है। चर्च में प्रार्थना के तीन भाग होते हैं : बाइबल और धर्म ग्रंथों का पाठ, क्रॉस की पूजा और प्रभु भोज में सहभागिता।



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Neel Mani Lal

Neel Mani Lal

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