TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बेग़म अख्तर का 103वां जन्मदिन मना रहा है गूगल, डूडल के जरिए दी श्रद्धांजलि

aman
By aman
Published on: 7 Oct 2017 7:27 AM IST
बेग़म अख्तर का 103वां जन्मदिन मना रहा है गूगल, डूडल के जरिए दी श्रद्धांजलि
X
बेग़म अख्तर का 103वां जन्मदिन मना रहा है गूगल, डूडल के जरिए दी श्रद्धांजलि

लखनऊ: 'ए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया' हो या 'हमरी अटरिया पे आजा रे सांवरिया' इस ठुमरी को गाया है दिलकश आवाज की मल्लिका बेग़म अख्तर ने। आज उनकी 103वीं सालगिरह है। सर्च इंजन गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। इस डूडल में बेग़म अख्तर अपने वाद्य यंत्र के साथ हैं। सामने कुछ लोग सुन रहे हैं और अगल-बगल समां जल रही है। साथ ही कुछ गुलाब के फूल भी दिखाई दे रहे हैं।

बता दें, कि बेग़म अख्तर के नाम से प्रसिद्ध, अख्तरी बाई फ़ैज़ाबादी का जन्म उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में 7 अक्टूबर 1914 में हुआ था। अख्तरी बाई भारत की प्रसिद्ध गायिका थीं, जिन्हें दादरा, ठुमरी व ग़ज़ल में महारत हासिल थी। उन्हें कला के क्षेत्र में भारत सरकार ने पहले पद्म श्री तथा सन 1975 में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें 'मल्लिका-ए-ग़ज़ल' के खिताब से नवाज़ा गया था।

सुर्ख़ियों और सम्मान ने कदम चूमे

बेगम अख्तर ने अपनी गायकी की बदौलत काफी सुर्खियां और सम्मान बटोरा। बेगम अख्तर ने फिल्मों में भी काम किया था। उन्होंने 'एक दिन का बादशाह' नाम की फिल्म में अभिनय किया था, हालांकि फिल्म को खास सफलता नहीं मिली लेकिन उन्होंने अपने अभिनय का जौहर दिखाया। बाद में बेगम अख्तर लखनऊ में बस गईं और यहां उनकी मुलाकात महबूब खान से हुई, बेगम अख्तर से मुलाकात के बाद महबूब खान ने उन्हें मुंबई बुलाया और 1942 में फिल्म 'रोटी' में उन्हें काम करने का मौका मिला।

इश्तिआक अहमद अब्बासी से किया निकाह

साल 1945 में जब उनकी शौहरत चरम पर थी, तब उन्होंने इश्तिआक अहमद अब्बासी, जो पेशे से वकील थे, से निकाह कर लिया और अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी से बेगम अख़्तर बन गईं। अपनी जादुई आवाज से श्रोताओं के दिलों के तार को छेड़ने वाली यह महान गायिका 30 अक्तूबर 1974 को इस दुनिया को अलविदा कह गईं।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story