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रंगबिरंगी फोटो के साथ भेजे जाने वाले ‘गुड मॉर्निंग’ संदेशों से जाम हो रहे स्मार्टफोन

raghvendra
Published on: 27 Jan 2018 8:53 AM GMT
रंगबिरंगी फोटो के साथ भेजे जाने वाले ‘गुड मॉर्निंग’ संदेशों से जाम हो रहे स्मार्टफोन
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सिलिकॉन वैली में गूगल के शोधकर्ता ये पता लगाने में जुटे थे कि सुदूर भारत में इतने ज्यादा स्मार्टफोन हैंग क्यों हो जा रहे हैं। असल में भारत में एक तिहाई स्मार्टफोन यूजर्स की डिवाइस की स्टोरेज क्षमता रोजाना खत्म हो जाती है।

इस समस्या का जवब भी मिल गया है और वह है- ‘गुड मॉर्निंग।’

गूगल ने पता लगाया है कि रोजाना रंगबिरंगी फोटो के साथ भेजे जाने वाले गुड मॉर्निंग संदेशों की बाढ़ के कारण ऐसा हो रहा है।

वजह ये है कि लाखों भारतीय पहली मर्तबा ऑनलाइन हो रहे हैं और इनके द्वारा भेजे जाने वाले संदेशों से इंटरनेट भरता जा रहा है। बहुतेरे लोगों के लिये सुबह की शुरुआत गुड मॉर्निंग मैसेज भेजने के साथ होती है। यह सिलसिला सूर्योदय के पूर्व हो कर ८ बजते-बजते पीक पर होता है। इस खुशनुमा संदेशों को बनाने के लिए गूगल पर ‘गुड मॉनिंग’ इमेज ढूंढने का उपक्रम पिछले पांच साल में १० गुना बढ़ गया है।

अमेरिका में सान फ्रांसिस्को स्थित विजुअल सर्च प्लेटफार्म ‘पिंटरेस्ट’ ने कोट्स के साथ इमेज डिस्प्ले के लिए एक नया सेक्शन जोड़ा है और गत वर्ष भारत से ऐसी इमेज खोजने वालों में ९ गुना वृद्धि हुयी है। वाट्सएप पर तो पिछले साल स्टेटस मैसेज में ‘गुह मॉर्निंग’ का मैसेज जोड़ा गया ताकि यूजर्स अपने जानने वालों को यह भेज सकें।

गूगुल के शोधकर्ताओं ने जब भारतीय उपभोक्ताओं के स्मार्ट फोन इस्तेमाल के आंकड़े खंगाले तो पता चला कि दसियों हजारों ‘गुड मॉर्निंग’ संदेशों के कारण फोन की स्टोरेज भर जाती है। भारत में तीन में एक स्मार्टफोन यूजर के फोन का स्टोरेज भर जाता है जबकि अमेरिका में आंकड़ा दस में एक का है।

गूगल ने इस समस्या का एक समाधान भी पेश किया है। वह यह कि ‘फाइल्स गो’ नाम का का एक एप फोन में डाफनलोड कर लिया जाये। ये एप बताता रहेगा कि कौन सी फाइलें डिलीट कर दी जायें। अगर आप गुड मॉर्निंग वाली फाइलें हटाना चाहेंगे तो एक बार में सब हट जायेंगी।

ने अपने विशाल इमेज डेटाबेस तथा आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल्स का इस्तेमाल करते हुए एप को इस तरह तैयार किया है कि वह गुड मॉर्निंग वाले संदेश पहचान कर हटा सके। गूगल ने ये ोएप दिसंबर में नयी दिल्ली में लांच किया था। अभी तक यह एप एक करोड़ बार डाउनलोड किया जा चुका है। गूगल के अनुसार इसने प्रति यूजर एक जीबी डेटा से ज्यादा डेटा साफ किया है। ये भी जान लीजिये कि वाट्स एप पर भारत में नए साल के दिन २० बिलियन मैसेज भेजे गये थे जो दुनिया में एक रिकार्ड बन गया है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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