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रहस्यों के घेरे में गोपीनाथ मुंडे की मौत, जांच एजेंसियों को नहीं मिला था साजिश का कोई सुराग

राम केवी
Published on: 22 Jan 2019 6:35 PM IST
रहस्यों के घेरे में गोपीनाथ मुंडे की मौत, जांच एजेंसियों को नहीं मिला था साजिश का कोई सुराग
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नई दिल्ली। के कद्दावर नेता रहे गोपीनाथ मुंडे का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार एक साइबर एक्सपर्ट ने मुंडे की मौत पर सवाल उठाते हुए उनकी सड़क हादसे में हुई मौत को हत्या बताया है। साइबर एक्सपर्ट शुजा के इस आरोप के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। उसने यह भी कहा है कि गोपीनाथ मुंडे को ईवीएम हैकिंग के प्रकरण की जानकारी थी। बवाल और सियासी उठापटक के बीच आइए हम आपको ले चलते हैं 3 जून 2014 के उस घटनाक्रम की ओर जब केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे भीषण सड़क हादसे में घायल होने के बाद दिवंगत हो गए थे।

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केंद्रीय मंत्री मुंडे का एक्‍सीडेंट होने की खबर दिल्‍ली पुलिस को तब मिली, जब मौके पर मौजूद लोगों ने उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया।

गोपीनाथ मुंडे का पार्थिव शरीर पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ सेना के विमान में दिल्‍ली एयरपोर्ट से मुंबई ले जाया गया था। इससे पहले दिल्ली के बीजेपी दफ्तर में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया,जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे को अपनी श्रद्धांजलि दी थी। प्रधानमंत्री ने गोपीनाथ मुंडे की बेटियों से बात की थी और दुख की इस घड़ी में उन्हें सांत्वना दी थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गोपीनाथ मुंडे को अपनी श्रद्धांजलि दी थी।

मुंडे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि सड़क हादसे में उन्हें गंभीर अंदरुनी चोटें आई, जिससे उनका लीवर फटा और काफी ब्लीडिंग हुई।

सुबह साढ़े छह बजे भीषण सड़क हादसे में गोपीनाथ मुंडे घायल हुए थे। एम्स ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान उनकी मृत्‍यु हुई थी। सुबह आठ बजे डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित किया।

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गौरतलब बात यह है कि जिस समय मुंडे की सड़क हादसे में मौत हुई उस समय कतिपय भाजपा नेता इस हादसे को एक साजिश मान रहे थे। महाराष्‍ट्र के बीजेपी नेता अवधूत वाघ ने तो साफ कहा था कि यह हादसा एक साजिश हो सकता है। इसकी सीबीआई जांच की जानी चाहिए। हालांकि हादसा साजिश क्यों हो सकता है इसकी वजह साफ नहीं थी।

दिल्‍ली पुलिस ने भी तत्‍काल कार्रवाई करते हुए मुंडे की कार में टक्‍कर मारने वाली इंडिका कार के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया था।

एम्स के डाक्टरों के दल की ओर से तैयार प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि सड़क दुर्घटना में केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का लीवर फट गया था और झटके के कारण उन्हें दिल का दौड़ा पड़ा। कोई भी बाह्य घाव ऐसे नहीं थे, जिसके कारण मौत हो सकती थी। मुंडे का पोस्टमार्टम एम्स के एक मेडिकल बोर्ड ने किया था।

दिल्ली पुलिस ने मुंडे की सड़क दुर्घटना में हुई मौत मामले की तफ्तीश सीबीआई को सौंपने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था। आईबी समेत सुरक्षा एजेंसियों ने मुंडे के स्टाफ से संयुक्त रूप से पूछताछ की थी।

वीरेन्द्र कुमार और पीए सुरेन्द्र नैय्यर से खुफिया एजेंसी आईबी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत तमात सुरक्षा एजेंसियों ने बुधवार को तुगलक रोड थाने में संयुक्त रूप से पूछताछ की थी।

गोपीनाथ मुंडे की कार में टक्कर मारने वाले इंडिका कार के चालक गुरविंदर ने टीआईपी (शिनाख्त परेड) कराने से इस आधार पर मना कर दिया था कि घटना के बाद उसकी मीडिया में फोटो आ चुकी है। ऐसे में टीआईपी कराने का कोई मतलब नहीं है।

मुंडे की मौत के चार महीने बाद घटना में किसी तरह की साजिश की बात को खारिज करते हुए सीबीआई ने कहा था कि मुंडे की मौत सड़क दुर्घटना में घायल होने के कारण हुई थी। उधर केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने भी अपनी रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी थी जिसमें कहा गया था कि गोपीनाथ मुंडे की मौत सड़क पर लगे पेड़-पौधों के चलते हुई।

दुर्घटनाग्रस्त होने के सिलसिले में गिरफ्तार कार चालक गुरविंदर सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने बाद में जमानत दे दी थी।

राम केवी

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