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1 करोड़ तक जुर्माना, 10 साल की सजा… पेपर लीक पर नकेल कसने को सरकार ने लागू किया ये नया कानून

Anti Paper Leak Law: नीट पेपर लीक होने के बाद देश में हो रहे बवाल के बीच केंद्र सरकार ने एक नया कानून लागू किया है। नए कानून के तहत दोषी को 5 से 10 साल तक की सजा और एक करोड़ तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

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Newstrack Network
Published on: 22 Jun 2024 3:34 AM GMT (Updated on: 22 Jun 2024 3:59 AM GMT)
1 करोड़ तक जुर्माना, 10 साल की सजा… पेपर लीक पर नकेल कसने को सरकार ने लागू किया ये नया कानून
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Anti Paper Leak Law: नीट पेपर लीक होने के बाद से ही देश में बवाल मचा हुआ है। जगह-जगह लोग एनटीए व सरकार का विरोध कर रहे हैं। इस विवाद के बीच केंद्र सरकार ने भविष्य में पेपर लीक की घटनाओं पर नकेल कसने को लेकर बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने बीते दिन यानी शुक्रवार को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को लागू कर दिया, जिसका उद्देश्य देश भर में आयोजित होने वाले प्रतियोगी और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकना है। बता दें, इस साल फरवरी के महीने में यह कानून संसद से पारित हुआ था। अब 21 जून 2024 से यह कानून प्रभावी हो चुका है। इस कानून के तहत परीक्षाओं में होने वाली धोखाधड़ी/नकल पर अंकुश लगाने के लिए न्यूनतम 3 से 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है। वहीं पेपर लीक गिरोह में शामिल लोगों को 5 से 10 साल की सजा और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इस कानून के तहत यह प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह संगठित अपराध करता है, जिसमें परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था या कोई अन्य संस्थान शामिल है, तो उन लोगों के समूह को कम से कम 5 साल की सजा दी जा सकती है और इस सजा को 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

संपत्ति कुर्क करने का भी है प्रावधान

यदि पेपर लीक मामले में किसी संस्थान को शामिल पाए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने जैसा भी प्रावधान कानून में शामिल है। साथ ही परीक्षा की लागत भी उस संस्थान से वसूली जाएगी। हालांकि, यह कानून परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को दंडात्मक प्रावधानों से बचाता है। अगर कोई अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई होगी।

इस कानून के तहत ये परीक्षाएं आएंगी

बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के अंतर्गत आने वाले अपराध गैर-जमानती हैं। इस कानून के तहत दर्ज मामलों की जांच डीएसपी या एसीपी रैंक का अधिकारी कर सकता है। इसके अलावा, केंद्र सरकार किसी भी मामले को जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी को सौंप सकती है। इस कानून के तहत संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं आती हैं।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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