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सरकार का रुख : एनपीआर में बताना ही होगा माता-पिता का जन्मस्थान

Ashiki
Published on: 9 March 2020 4:30 AM GMT
सरकार का रुख : एनपीआर में बताना ही होगा माता-पिता का जन्मस्थान
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नई दिल्ली: एनपीआर मतलब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से सरकार विवादित प्रश्नों को छोड़ने के मूड में नहीं है। होम मिनिस्ट्री ने संसद की स्थायी समितिको बताया था कि ये प्रश्न पहले भी पूछे गए थे और बैक-एंड डाटा के लिए जरूरी हैं। फिर समिति ने बताया था इस मामले में सरकार जनता की आम सहमति बनाने में असमर्थ रही है। होम मिनिस्ट्री ने गुरुवार को बताया कि 2021 की जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की तैयारी तेज है। यह प्रक्रिया पहली अप्रैल शुरू भी हो जाएगी।

गृह मंत्रालय ने बताया है कि जनगणना के लिए मकानों की सूची बनाने के लिए एक अप्रैल से 30 सितंबर तक पूरे देश में काम होगा। इसकी तैयारियों को लेकर जनगणना निदेशकों को बता दिया गया है।

मंत्रालय की स्थायी समिति ने राज्यसभा में अनुदान की मांगों पर 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय से एनपीआर 2020 के फॉर्म में सूचीबद्ध माता-पिता की जन्म तिथि और स्थान के बारे में सवाल पूछे जाने हैं। हालांकि, कई राज्यों ने इस सवाल पर आपत्ति जताई है। फिर फॉर्म में यह भी कहा गया है कि जिन्होंने 2010 में इसकी जानकारी दी थी उनसे सिर्फ नाम ही मांगे जाएंगे। इससे बैक-एंड डाटा प्रोसेसिंग और मजबूत होगा और सारे डाटा ज्यादा व्यापक तरीके से एकत्र हो सकेंगे।

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