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Online Medicines: बन्द हो सकती है दवाओं की ऑनलाइन बिक्री! सरकार ने दो दिन का वक्त दिया

Online Medicines: लगभग दो दर्जन कंपनियों को स्वास्थ्य मंत्रालय से कारण बताओ नोटिस मिला है। बिना लाइसेंस के ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 10 Feb 2023 7:34 AM GMT
Online selling medicines
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Online selling medicines photo: social media

Online Medicines: दवाओं की ऑनलाइन बिक्री ने काफी तेजी पकड़ रखी है। ऐसी बिक्री को रेगुलेट करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। अब बिना लाइसेंस के ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। बताया जाता है कि लगभग दो दर्जन कंपनियों को स्वास्थ्य मंत्रालय से कारण बताओ नोटिस मिला है।

प्रैक्टो,टाटा 1एमजी, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, ज़ीलैब्स, नेटमेड्स, अपोलो, फार्मईज़ी और हेल्थकार्ट सहित कई कंपनियों को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को दो दिन के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करना है। बताया गया है कि 20 से अधिक कंपनियों को हमारे नोटिस जारी होने के दो दिनों के भीतर कारण बताने के लिए कहा गया है कि ऐसी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। अगर कोई जवाब नहीं मिलता है, तो बिना किसी और नोटिस के इन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार को मिले हैं ज्ञापन

बताया जाता है कि सरकार को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और उसके तहत नियमों के उल्लंघन में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दवाओं की बिक्री के संबंध में चिंता जताते हुए विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। कुछ दवाएं ऑनलाइन भी बेची जा रही हैं, जिन्हें केवल एक पंजीकृत चिकित्सक के वैध नुस्खे के तहत खुदरा बिक्री की अनुमति है और एक फार्मासिस्ट की देखरेख में आपूर्ति की जाती है।

हाई कोर्ट का आदेश

सीडीएससीओ ने 2018 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के दवा नियंत्रकों को दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने के लिए भेज दिया है। अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में विभिन्न अदालतों में ड्रग्स की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने के मामले लंबित हैं।

तर्क ये है कि बिना लाइसेंस के विभिन्न मोबाइल एप्लिकेशन सहित ऑनलाइन, इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से दवाओं की बिक्री, प्रदर्शन या वितरण की पेशकश से दवाओं की गुणवत्ता पर संभावित प्रभाव पड़ता है और इसके संभावित दुरुपयोग के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा होता है। लोग अपने आप से ही दवाओं का अंधाधुंध उपयोग करने लगते हैं। दरअसल, इधर दवाओं, सप्लीमेंट्स आदि की खूब ऑनलाइन बिक्री की जा रही है। लोगों को डिस्काउंट के साथ साथ घर बैठे सप्लाई मिल जाती है। इससे दवा दुकानदारों के बिजनेस पर भी असर पड़ा है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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