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कोरोना पर कंट्रोल के लिए सख्ती से पेश आए सरकार

यह लड़ाई लोगों के सहयोग के बिना जीतना नामुमकिन है। अभी तक जिस प्रकार से मेरे और मेरे परिजनों, मित्रों द्वारा लॉकडाउन के नियमों का पालन किया गया है वह आगे भी जारी रहेगा।

राम केवी
Published on: 20 April 2020 8:48 AM GMT
कोरोना पर कंट्रोल के लिए सख्ती से पेश आए सरकार
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संदीप पाल

लखनऊ। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। तमाम आग्रह और जागरूकता के बावजूद बहुत से लोग लॉकडाउन और सोशल डिस्टेनिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। ‘अपना भारत – न्यूज़ट्रैक’ ने इस बारे कई लोगों से बात की। लोगों का कहना है कि सरकार को ऐसे तत्वों के खिलाफ बहुत सख्ती से पेश आना चाहिए। अब समझाने का समय नहीं है।

गलती स्वीकार कर सहयोग करें

विवेक आर्य ( क्रीड़ा अधिकारी) का कहना है कि देश भर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ाने व उनके जीवन को संकट में डालने वाले लोगों के साथ नरमी नहीं दिखाई जानी चाहिए। इनमें मर्कज के लोग बड़ी संख्या में हैं। सरकार तो उनके इलाज में भी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरत रही है। इन लोगों को अपनी गलती स्वीकार करते हुए सरकार का सहयोग करना चाहिए।

सख्ती हो, जेल भेजा जाए

नेहा बघेल (शिक्षक, देवास, मध्य प्रदेश) का कहना है कि देश में कोरोना वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। लोगों को इस आपदा को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। सरकार जो भी कह रही है उसका पूर्णतया पालन करना चाहिए। सोशल डिस्टेन्सिंग को अपने जीवन का अंग बना लेना होगा क्योंकि आने वाले समय में ये वायरस तो मौजूद रहेगा ही। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के साथ बहुत सख्ती से पेश आना चाहिए। डाक्टरों पर हमला करने वालों को तत्काल दो साल के लिए जेल भेज देना चाहिए।

जमात पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए

आशीष कुमार (नई दिल्ली) का कहना है कि कुछ राज्यों अथवा शहरों में समय पर लॉकडाउन खत्म हो सकता था लेकिन तब्लीगी जमातियों ने लोगों की जान मुसीबत में डालने का काम किया है। मेरा मानना है कि जमात पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। आज देश में कोरोना संक्रमित मरीजों में 60 से 65 प्रतिशत जमात के लोग हैं। ऐसे लोगों की वजह से पूरा समुदाय संदेह के घेरे में आ गया है जो बहुत चिंता और दुख की बात है।

धर्म की लड़ाई लड़ना बंद करें

शालिनी सिंह (भाजपा महिला व्यापार मण्डल) ने कहा कि इस मुश्किल वक्त में जब देश पर कोरोना का कहर टूटा है तो लोगों को अपने घरों में बैठकर पूजा, नमाज इत्यादि करना चाहिए। यह लॉकडाउन सबके हितों के लिए लगाया गया है। इसलिए धर्म की लड़ाई लड़ना बंद करें। एकजुट हों। यदि जान है, तब जहान है। घर में रहें, सुरक्षित रहें। थोड़े से सब्र के बाद एक बड़ी जीत हमारा इंतजार कर रही है। सभी धर्म के लोगों कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।

सहयोग के बिना लड़ाई जीतना नामुमकिन

संदीप (खेल अध्यापक, आर्मी पब्लिक स्कूल) ने कहा कि यह अच्छा है कि कोरोना के मरीजों की पहचान के काम में लगातार तेजी लाई जा रही है लेकिन यह लड़ाई लोगों के सहयोग के बिना जीतना नामुमकिन है। अभी तक जिस प्रकार से मेरे और मेरे परिजनों, मित्रों द्वारा लॉकडाउन के नियमों का पालन किया गया है वह आगे भी जारी रहेगा।

राम केवी

राम केवी

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