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दागी सांसदों और विधायकों के 13500 केस निपटेंगे साल भर में

raghvendra
Published on: 15 Dec 2017 8:01 AM GMT
दागी सांसदों और विधायकों के 13500 केस निपटेंगे साल भर में
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नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में कहा है कि 1581 दागी सांसदों और विधायकों पर लंबित 13500 आपराधिक मामलों के लिए 12 स्पेशल कोर्ट स्थापित की जा रही हैं। इस काम पर 7.80 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। विशेष अदालतें एक साल के लिए स्थापित की जाएंगी और साल भर में सभी 13,500 मामले निपटा दिये जायेंगे।

केंद्र ने दागी सांसदों व विधायकों की जानकारी व आंकड़ों के लिए सुप्रीम कोर्ट से और वक्त मांगा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दागी सांसद और विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों को एक वर्ष के भीतर निपटाने को देशहित में बताते हुए केंद्र सरकार को विशेष अदालतों का गठन करने के लिए कहा था।

वहीं, केंद्र सरकार ने कहा था कि वह आपराधिक मामलों को दोषी ठहराए जाने वाले सांसद व विधायकों पर आजीवन चुनाव लडऩे के प्रतिबंध के खिलाफ है, हालांकि, सरकार के रुख से ठीक उलट चुनाव आयोग ऐसे लोगों पर आजीवन चुनाव लडऩे पर पाबंदी लगाने के पक्ष में है।

  • 228 सांसदों पर 2 विशेष अदालतों पर चलेगा केस
  • 13500 लंबित मामले हैं विभिन्न अदालतों में
  • 1125 मामले प्रत्येक विशेष अदालत को साल भर के भीतर निपटाना होगा
  • 242 दिन काम करती है ट्रायल अदालत एक साल में
  • 4.6 औसत मामले कोर्ट को रोजाना निपटाने होंगे

किस राज्य में कितने एमएलए के खिलाफ मामले

  • महाराष्ट्र - 160
  • उत्तर प्रदेश - 143
  • बिहार - 141
  • बंगाल - 107
  • केरल - 87
  • आंध्र प्रदेश -84
  • तमिलनाडु - 75
  • कर्नाटक - 73
  • मध्यप्रदेश - 70
  • तेलंगाना - 67

इन सभी राज्यों में एक-एक विशेष अदालत स्थापित करने का प्रस्ताव है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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