×

मोदी सरकार ने लगाई रोक! अब नहीं मिलेगी ऑनलाइन दवाइयां

सीडीएससीओ के वरिष्ठ अधिकारी के. बंगारूराजन ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में ही राज्यों को कोर्ट के आदेशानुसार दवाओं की ऑनलाइन बिक्री रोकने के लिए कहा था।

Harsh Pandey
Published on: 4 Dec 2019 5:42 PM GMT
मोदी सरकार ने लगाई रोक! अब नहीं मिलेगी ऑनलाइन दवाइयां
X

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर जल्द रोक लगा सकती है। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्य सरकारों को बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।

संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्यों को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।

सीडीएससीओ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा...

सीडीएससीओ के वरिष्ठ अधिकारी के. बंगारूराजन ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में ही राज्यों को कोर्ट के आदेशानुसार दवाओं की ऑनलाइन बिक्री रोकने के लिए कहा था।

इसके बाद कई बार रिमाइंडर भी कराया गया। इस कड़ी में 28 नवंबर को एक बार फिर सख्त कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने एक डॉक्टर की याचिका पर दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।

अधिकारी ने कहा कि निर्देशों का पालन करने की जिम्मेदारी राज्य ड्रग कंट्रोलर की है और अगर कोई इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है।

हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ऐसे कारोबारी या कंपनी पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।

नागालैंड के 57वां स्थापना दिवस पर PM मोदी ने दी शुभकामनाएं

बिना नियम के चल रहा कारोबार...

सरकार ने अभी तक देश में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को लेकर कोई नियम नहीं बनाए हैं। बावजूद इसके दर्जनभर से ज्यादा ई-फार्मेसी कंपनियां हजारों करोड़ का कारोबार कर रही हैं। इनमें मेडलाइफ, नेटमेट्स, फार्मईजी और सिकोया की 1एमजी जैसी कंपनियां शामिल हैं।

एक लॉ फर्म के वरिष्ठ एसोसिएट श्रीनिधि श्रीनिवासन का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन किया गया तो ये सभी कंपनियां बंद हो जाएंगी।

खुदरा कारोबारी पहले से ही प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ई-फार्मेसी से परंपरागत खुदरा बिक्री में करीब 4 फीसदी गिरावट आई है।

हालांकि, ई-फार्मेसी से जुड़ी कंपनियों ने सरकार से नियमन बनाने की मांग की है, लेकिन अभी तक इस पर फैसला नहीं हुआ है।

Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story