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साठ साल पुराना आयकर कानून बदलेगी सरकार, मिलेगी बड़ी राहत

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ढाई लाख रुपये से 10 लाख रुपये सालाना आमदनी वालों के लिए सिर्फ 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान हो सकता है । फिलहाल 5 लाख की आमदनी तक टैक्स में छूट मिलती है, जिससे बढ़ाकर साढ़े 6 लाख किया जा सकता है । 

SK Gautam
Published on: 31 July 2019 9:52 PM IST
साठ साल पुराना आयकर कानून बदलेगी सरकार, मिलेगी बड़ी राहत
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नई दिल्ली: मोदी सरकार आम जनता के लिए लगातार कुछ न कुछ राहत देने की तैयारी में है । इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज के उस वर्ग को टारगेट कर रहे हैं जो देश के लिए टैक्स का एक बहुत बड़ा हिस्सा चुकाता है ।

-डायरेक्ट टैक्स कोड पैनल की वेतनभोगियों और मध्यम आय वर्ग को लुभाने की तैयारी

-मेडिकल बीमा और उच्च शिक्षा के लिए टैक्स में बढ़ सकती है कटौती

-6 सदस्यीय टास्कफोर्स 16 अगस्त को वित्त मंत्रालय को सौंपेगी रिपोर्ट

-टास्कफोर्स की रिपोर्ट के आधार पर 60 साल पुराना आयकर कानून बदलेगी सरकार

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अगर वित्त मंत्रालय टैक्स पर बनी टास्क फोर्स की सिफारिशें मानाने को तैयार हो जाती है तो मिडिल क्लास को टैक्स में अच्छी खासी राहत मिल सकती है ।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ढाई लाख रुपये से 10 लाख रुपये सालाना आमदनी वालों के लिए सिर्फ 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान हो सकता है । फिलहाल 5 लाख की आमदनी तक टैक्स में छूट मिलती है, जिससे बढ़ाकर साढ़े 6 लाख किया जा सकता है ।

भत्तों में कटौती के साथ स्टैंडर्ड कटौती को बढ़ाने का रास्ता अपनाया जा सकता है

वित्त मंत्रालय के एक सूत्रों से पता चला है कि डायरेक्ट टैक्सेस कोड (DTC) से आने वाले भारत के सबसे बड़े प्रत्यक्ष कर सुधारों में टैक्सपेयर्स को चार विभिन्न टैक्स स्लैब में बांटा जा सकता है । इसमें भत्तों में कटौती के साथ स्टैंडर्ड कटौती को बढ़ाने का रास्ता अपनाया जा सकता है ।

20 फीसदी के स्लैब के दायरे में 10 लाख से 20 लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले लाए जा सकते हैं ।

30 फीसदी का स्लैब 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये की आमदनी वालों पर लागू हो सकता है ।

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रिपोर्ट में सबसे ऊंचा 35 फीसदी टैक्स स्लैब सुपर रिच यानी 2 करोड़ रुपये से अधिक आमदनी वालों पर लगाने का सुझाव दिया जा सकता है ।

नए टैक्स ढांचे के मुताबिक, पूरी टैक्स छूट 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6.5 लाख रुपये तक की जा सकती है

नए टैक्स ढांचे के मुताबिक, पूरी टैक्स छूट 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6.5 लाख रुपये तक की जा सकती है । इन बदलावों से सरकारी खजाने को करीब 35,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है ।

सूत्रों से पता चला है कि ड्राफ्ट कोड पर टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट पूरी हो चुकी है । कटौतियों और बचत को बढ़ावा देने वाली अन्य सुविधाओं को तर्कसंगत बनाया जाए । रिपोर्ट को जल्दी ही वित्त मंत्री को सौंपा जाएगा।'

इस बीच वित्त मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को 16 अगस्त को सौंपी जाएगी ।

वेतनभोगी लोगों को मिलने वाले भत्तों पर मिलने वाली छूट को हटाकर एक मुश्त स्टैंडर्ड कटौती का फायदा दिया जाएगा । वेतनभोगी लोगों को बीते कुछ वर्षों से बड़ी संख्या में भत्ते मिल रहे हैं । इनमें से कुछ खर्चों से संबंधित हैं और कंपनियों की ओर से टैक्स-फ्री रीइंबर्समेंट के तौर पर कर्मचारी को उपलब्ध कराए जाते हैं ।

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कुछ भत्ते टैक्सपेयर्स और अधिकारियों पर भी बोझ हैं और इन्हें स्टैंडर्ड कटौती के जरिए खत्म किया जाना चाहिए

एक सरकारी अधिकारी ने साफ करते हुए कहा, 'कुछ भत्ते टैक्सपेयर्स और अधिकारियों पर भी बोझ हैं और इन्हें स्टैंडर्ड कटौती के जरिए खत्म किया जाना चाहिए। '

वेतन की आय पर मौजूदा स्टैंडर्ड कटौती 50,000 रुपये है जिसे बढ़ाकर 60,000 रुपये से अधिक किया जा सकता है । इसमें कुछ और मद भी बढ़ाए जा सकते हैं ।

बची हुई छुट्टियों के नकदीकरण की छूट 10 लाख रुपये तक हो सकती है

सूत्रों का कहना है कि सीनियर और रिटायर्ड लोगों को भी टैक्स लाभ उपलब्ध कराए जाएंगे । टॉस्क फोर्स की ओर से ग्रेच्युटी पर 20 लाख रुपये तक की छूट सीमा प्रस्तावित की जा सकती है। साथ ही बची हुई छुट्टियों के नकदीकरण की छूट 10 लाख रुपये तक हो सकती है ।

यूपीए सरकार ने मार्च 2014 में संशोधित डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) ड्राफ्ट पेश किया था। इसके बाद आई एनडीए सरकार ने अपने पहले बजट में ही साफ किया था कि वो डीटीसी की समीक्षा करेगी।

वित्त मंत्रालय ने नवंबर 2017 में अरविंद मोदी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया। बाद में उनकी जगह वित्त मंत्रालय के ही वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश रंजन ने संभाली। टॉस्क फोर्स को जुलाई के अंत तक रिपोर्ट सौंपना निर्धारित था. हालांकि, अब ये रिपोर्ट 16 अगस्त को सौंपी जाएगी।



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