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लाखों अकाउंट में पैसे डालेगी सरकार, इंटर्नशिप वालों की बल्ले-बल्ले

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी सार्वजनिक पाबंदियों के दौरान सभी प्रतिष्ठान अप्रेन्टिस को पूरा मानदेय का भुगतान करेंगे।

Vidushi Mishra
Published on: 1 April 2020 4:22 PM IST
लाखों अकाउंट में पैसे डालेगी सरकार, इंटर्नशिप वालों की बल्ले-बल्ले
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लाखों अकाउंट में पैसे डालेगी सरकार, इंटर्नशिप वालों की बल्ले-बल्ले

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारें अपनी तरफ से हर प्रयास कर रही हैं। इस संक्रमण को रोकने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी सार्वजनिक पाबंदियों के दौरान सभी प्रतिष्ठान अप्रेन्टिस को पूरा मानदेय का भुगतान करेंगे।

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अप्रेन्टिस को पूरा मानदेय का भुगतान

बता दें कि एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सभी प्रतिष्ठान निर्दिष्ट और वैकल्पिक दोनों ही कामकाज में लगाये गये अप्रेन्टिस को पूरा मानदेय का भुगतान करेंगे। हालांकि देश में 24,884 प्रतिष्ठान हैं जिनसे 2.42 लाख अप्रेन्टिस जुड़े हैं।

इस बयान के अनुसार, राष्ट्रीय अप्रेंटिस संवर्धन योजना (एनएपीएस) से संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, लॉकडाउन अवधि के लिए सरकार द्वारा एनएपीएस के तहत प्रतिष्ठानों को मानदेय की वापसी कर दी जाएगी।

अप्रेंटिस अधिनियम, 1961 और इसके तहत अप्रेंटिस नियमों में यह उल्‍लेख किया गया है कि यदि किसी विशेष कामकाज में संलग्‍न अप्रेंटिस उस प्रतिष्ठान में हड़ताल या तालाबंदी अथवा छंटनी के कारण प्रशिक्षण की अवधि को पूरा करने में असमर्थ रहता है।

तो वैसी स्थिति में उसके अप्रेंटिस प्रशिक्षण की अवधि को हड़ताल या तालाबंदी अथवा छंटनी, इनमें से जो भी हो, की अवधि के बराबर बढ़ाया जाएगा। इस तरह की हड़ताल या तालाबंदी अथवा छंटनी की अवधि के बराबर या 6 महीने की अधिकतम अवधि के लिए, इनमें से जो भी कम हो, उसे मानदेय दिया जाएगा।

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महामारी से निपटने में मदद

इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने महामारी से निपटने में मदद के लिए अन्य देशों से मेडिकल और जरूरी सामानों की खरीद और ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के विभागों को निर्धारित प्रक्रियाओं में विशेष छूट दी है।

वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग ने फार्मास्यूटिकल्स विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के विभाग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को छूट दी, जो केंद्र सरकार के लिए सार्वजनिक खरीद नियमों के तहत आता है।

27 मार्च को वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, नेशनल हेल्थ इमरजेंसी होने के चलते मेडिकल उपकरण और जरूरी सामानों की खरीद में देरी से नागरिकों के जीवन को हानि होगी। इसलिए यह आवश्यक आपूर्ति सबसे तेजी से सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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Vidushi Mishra

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