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जनसंख्या नियंत्रण पर बड़ा फैसला! सरकार बना रही है ये प्लान
रिपोर्ट के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में मानते हुए, अंतर-विभागीय अभिसरण को बढ़ावा देना और बहुपक्षीय भागीदारी और एकीकरण सुनिश्चित करना इसकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ताबड़तोड़ एक के बाद एक फैसले ले रही है। नागरिकता संशोधन कानून के बाद अब सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए बड़ा फैसला लेने जा रही है।
जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिए रोडमैप का मसौदा तैयार कर रही है। इस मसौदे में बेहतर स्वास्थ्य के लिए सामाजिक निर्धारकों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में मानते हुए, अंतर-विभागीय अभिसरण को बढ़ावा देना और बहुपक्षीय भागीदारी और एकीकरण सुनिश्चित करना इसकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
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नीति आयोग बैठक के बाद लेगी फैसला
इस मसले पर नीति आयोग शुक्रवार को एक परामर्शी बैठक आयोजित करने जा रही है। जिसका शीर्षक ‘जनसंख्या नियंत्रण की दृष्टि को साकार करना: किसी को पीछे छोड़े बिना’ होगा। इस बैठक का आयोजन जनसंख्या फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों और विषय विशेषज्ञों के साथ मिलकर किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार इस मीटिंग का उद्देश्य भारत की जनसंख्या नीति और परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूत करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करना है। नीति आयोग ने गुरुवार को एक बयान में कहा, इस बैठक के बाद मिले परामर्श से प्राप्त सिफारिशें भारत के जनसंख्या नियंत्रण को प्राप्त करने में मदद करने के लिए नीति आयोग को दी जाएंगी, जिसका वह मसौदे का तैयार करने में प्रयोग करेगी।
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नीति आयोग ने कहा कि एक अरब 37 करोड़ की जनसंख्या के साथ, भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। आयोग ने यह भी कहा कि हम एक ऐसी स्थिति में है, जहां जन्म दर गिर रही है, लेकिन जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, इसके पीछे का कारण है कि भारत की 30 प्रतिशत जनसंख्या युवा है। तो हम इस पर विचार कर रहे हैं।