Kerala: केरल में राज्यपाल की शक्तियां घटाई गईं, सीएम और मंत्रियों की शिकायत पर नहीं ले सकेंगे फैसला

Kerala News: केरल में एक बार फिर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनातनी बढ़ सकती है। दरअसल राज्य की पिनराई विजयन सरकार ने एक विधेयक के जरिए राज्यपाल की शक्तियां कम कर दी है।

Krishna Chaudhary
Published on: 27 Aug 2022 6:06 AM GMT
पिनराई विजयन मुख्य्मंत्री केरल
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पिनराई विजयन मुख्य्मंत्री केरल (फोटों न्यूज नेटवर्क)

Kerala News: केरल में एकबार फिर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनातनी बढ़ सकती है। दरअसल राज्य की पिनराई विजयन सरकार ने एक विधेयक के जरिए राज्यपाल की शक्तियां कम कर दी है। विधानसभा की विचार समिति ने लोकायुक्त संसोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही अब राज्यपाल मुख्यमंत्री और मंत्रियों के खिलाफ आई शिकायत पर कोई फैसला नहीं ले सकेंगे। संसोधन के बाद सीएम पर कार्रवाई का अधिकार विधानसभा के पास होगा। मंत्रियों की शिकायत पर फैसला खुद मुख्यमंत्री लेंगे और विधायकों के विरूद्ध आई शिकायत पर निर्णय स्पीकर लेंगे।

विपक्षी ने की इस फैसले की आलोचना

सीपीएम की अगुवाई वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के इस कदम का विपक्ष विरोध कर रहा है। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि ये संसोधन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है। उन्होंने इसे संविधान और न्यायपालिका का उल्लंघन भी बताया है। वहीं, विपक्ष की आलोचना पर कानून मंत्री पी राजीव ने कहा कि लोकायुक्त कोई न्यायिक प्रणाली नहीं बल्कि एक जांच तंत्र है। ऐसे में कोई भी जांच एजेंसी सजा तय नहीं कर सकती है।

फंड के दुरूपयोग पर घिरे सीएम विजयन

लोकायुक्त संसोधन विधेयक लाकर केरल सरकार की जल्दबाजी सवालों के घेरे में है। दरअसल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन खुद सरकारी फंड के दुरूपयोग के मामले में घिरे हैं। विपक्ष उन पर हमलावर है। इसके अलावा राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू के खिलाफ भी लोकायुक्त के समक्ष भ्रष्टाचार की कई शिकायतें पड़ी है। राज्य के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीएम विजयन को सदस्यता गंवाने का डर सता रहा था। वो झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के ऊपर मंडरा रहे संकट को देख चुके हैं। ऐसे में सरकार राहत खोजने में जुटी हुई थी, इसलिए आनन-फानन में यह विधेयक लाया गया।

राज्यपाल बोले बिल पर नहीं करूंगा साइन

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विजयन सरकार के इस कदम की आलोचना की है। खान पहले भी वाम सरकार को चेतवानी दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि वह राज्य के उन विधेयकों पर कभी हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जो संविधान की भावना और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाते हों। बता दें कि इससे पहले भी विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच ठन गई थी। पिछले दिनों सीएम पिनराई विजयन के निजी सचिव केके रागेश की पत्नी प्रिया वर्गीस की कन्नूर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ मलयालम में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति पर राज्यपाल ने रोक लगा दी थी।

Prashant Dixit

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