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GST संविधान संशोधन बिल लोकसभा से भी पास, PM बोले- अब कंज्यूमर किंग

aman
By aman
Published on: 8 Aug 2016 2:37 PM IST
GST संविधान संशोधन बिल लोकसभा से भी पास, PM बोले- अब कंज्यूमर किंग
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नई दिल्ली : जीएसटी संसोधन विधयेक को सोमवार को लोकसभा में भी पास हो गया। इसके पक्ष में 429 वोट पड़े। किसी भी सांसद ने इसके विरोध में वोट नहीं किया। बहस में हिस्सा लेते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने जीएसटी की खूबियां गिनाईं। इसके साथ ही उन्होंने बिल को समर्थन देने के लिए सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों को धन्यवाद दिया। उन्होंन इसे भारतीय लोकतंत्र की ताकत बताया। इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदस्यों के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया।

सौजन्य- डीडी न्यूज

क्यो बोले पीएम मोदी ?

आज आठ अगस्त है। अगस्त क्रांति का बिगुल आज ही के दिन बजा था। महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो इस मंत्र के साथ देश को आजादी के पूरे आंदोलन में आंदोलित किया था। नौ अगस्त को आजादी के दीवानों पर जुल्म ढाए गए थे। आज अगस्त क्रांति को 75 साल पूरे हो रहे हैं। उन सभी आजादी के दीवानों को श्रद्धांजलि देते हुए हमारी संसद टैक्स टैरेरिज्म को समाप्त करने जा रही है।

हमारे देश में टैक्स को लेकर कैसी स्थिति रही है, शायद कुछ लोगों को मालूम रही है। टैक्स को लेकर कोर्ट में प्रश्न आया था कि नारियल को फल माना जाए या सब्जी। टैक्स की हमारी परंपरा रही है उसमें कैसे उतार-चढ़ाव आए हैं इसके लिए ये घटना पर्याप्त है। मैं सभी राजनीतिक दलों पर सभी राजनीतिक पार्टियों के द्वारा जो सरकारें चल रही हैं उनका धन्यवाद करने के लिए खड़ा हुआ हूं।

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ये सभी राजनीतिक दलों जीत है

पीएम ने कहा- हम एक ऐसी निर्णय लेने जा रहे हैं जिसमें 29 राज्य और 90 राजनीतिक दलों ने मंथन करके आज हमें यहां पहुंचाया है, जिसे हम कुछ दिनों बाद अंतिम निर्णय के लिए मुहर लगाएंगे। जन्म कोई दे लालन-पालन कोई करे। कृष्ण को जन्म किसी ने दिया, बड़ा किसी ने बनाया। लेकिन ये भी सही है कि ये किसी दल किसी सरकार का विजन नहीं है। यह लोकतंत्र की उच्च मापदंड का विजय है। ये सभी राजनीतिक दलों की जीत है।

पीएम ने बताया GST का मतलब ?

जीएसटी का मतलब है ग्रेट स्टैप बाई टीम इंडिया। ग्रेट स्टेप डूववर्डस ट्रांसफोरमेशन, हम एक नई व्यवस्था से जुड़ रहे हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत। ये हम सब का सपना है। जब हम रेलवे की तरफ देखते हैं, डाकखाने की ओर देखते हैं, आईपीसी, सीआरपीसी, डिजिटल इंडिया, सागर माला की ओर देखने से एक भारत दिखता है। उसी सिलसिले में आज जीएसटी एक नया मोती इस माला में जोड़ रहे हैं। ये सिर्फ कर व्यवस्था नहीं है। सब राज्य और केंद्र मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाएं जिसमें सभी राज्यों को अपनी लगे।

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कभी-कभी जीएसटी को लेकर संशय भी रहे। मैं सीएम था तो मेरे मन में भी कई संशय थे। प्रणब मुखर्जी से चर्चा की थी। जीएसटी को पीएम बनने के बाद समझने के लिए मेरे से लिए आसान रहा। बहुत सी कमियों को हम दूर करने में सफल रहे। आगे कोई कमी नहीं आएगी ऐसा गुरुर इंसान तो नहीं कर सकता। इन्होंने अच्छा करने की कोशिश की है, इसका परिणाम भी मिलेगा। आज देश अनुभव कर रहा है एक मंच एक मत एक मार्ग एक मंजिल ये मंत्र जीएसटी के इस सारे प्रोसेस में हम सबने अनुभव किया है। ये बात सही है कि राज्यसभा में अंकगणित में ये बिल संकट में आ सकता था। राज्यों को केंद्र के प्रति अविश्वास था. इसलिए सबसे बड़ी आवश्यकता था कि केंद्र और राज्य के बीच विश्वास कायम हो।

'राजनीति से ऊपर है राष्ट्रनीति'

जब मैंने विचार विमर्श के लिए आदरणीय सोनिया जी और आदरणीय मनमोहन जी को बुलाया था, एक राज्यसभा से थे एक लोकसभा से। मैंने दोनों को बराबर महत्व दिया था। आज महत्वपूर्ण सहमति का माहौल बना है। हम अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हैं। हमारे जेहन में राजनीति रहती है। लेकिन जीएसटी की चर्चा के दौरान हम में से किसी ने इस पवित्र स्थान को राजनीति से ऊपर रखा।

राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति है। जरूरी नहीं कि किसी की शिकायत नहीं। यही तो लोकतंत्र की ताकत है। जीएसटी की व्यवस्था के कारण हम बहुत सी संभावनाएं देखते हैं। आज सभी राज्यों में अलग-अलग लंबी प्रक्रियाएं हैं। एक मैसेज साफ जाने वाला है कंज्यूमर इज किंग। एक व्यवस्था कंज्यूमर को किंग बनाए ये बहुत बड़ा योगदान है।

छोटे उद्यमियों-कंज्यूमर्स को मिलेगा लाभ

कई कर व्यवस्थाओं से लोगों को जूझना पड़ता है। इससे छोटे उद्यमियों और कंज्यूमर को सबसे ज्यादा लाभ होगा। छोटे उद्यमियों को ये सुरक्षा प्रदान करता है। हम छोटे उद्यमियों को जितना सुरक्षित करेंगे उतना लाभ होगा। मेरा मानना है कि अर्थव्यवस्था को तेज गति से चलाने के लिए पांच बातों की ओर हम अगर ध्यान केंद्रित करते हैं, मैन मशीन मैटेरियल, मनी, मिनट, इनको सही से मैनेज करना जरूरी है।

आज चुंगी के लिए हम मीलों लंबी गाड़ियों की लाइन देखते हैं। ऐसा अनुमान है कि हमारे इन गाड़ियों के रुके रहने से 1 लाख 60 हजार करोड़ का सालाना नुकसान होता है। इसमें चुंगी प्रमुख है। पर्यावरण को फायादा होगा। सामान तेजी से एक से दूसरे जगह पहुंचेगा। हम जो विदेशों से इतना तेल आयात करते हैं उसमें भी कमी आएगी।

हमारे यहां सब प्रकार की शक्ति रखने वाले राज्य नहीं है। सब एक दूसरे पर निर्भर हैं। जीएसटी के कारण कठिनाइयां दूर होंगी। पिछड़े राज्यों की आय बढ़ने की गारंटी है। इन राज्यों को शिक्षा, हेल्थ सेक्टर में पैसा लगाना है तो उसके लिए धन मिलेगा। सबसे पहली आवश्यकता है कि हिंदुस्तान के पूर्वी भाग को आगे लाना। वरना ये असंतुलित विकास देश की गति को रोक सकता है। मैं ऐसे राज्यों को कहता हूं कि जीएसटी लागू होने के बाद इसका पूरा फायदा उठाएं।

जीएसटी से आएगी पारदर्शिता: मोदी

आमतौर पर दो भाइयों के बीच झगड़ा या तो संपत्ति के कारण होता है। राज्यों के बीच भी झगड़ा प्राकृतिक संसाधनों और संपत्ति के कारण ही होता है। जीएसटी से पारदर्शिता आएगी। केंद्र और राज्यों को पता रहेगा कि किसके पास कितना टैक्स आ रहा है। लिखित नियमों के तहत इनका बंटवारा होगा। अच्छा होता हमारे खड़गे जी ने बिल की बातों को बारीकी से देखा होता।

'गरीबों की उपयोगी चीजें टैक्स के दायरे से बाहर'

ये जीएसटी बिल ऐसा है जिसमें गरीबों के लिए उपयोगी जितनी चीजें हैं वो सभी टैक्स के दायरे से बाहर है। 55 फीसदी फूड और जरूरी दवाएं इससे बाहर हैं। हम लोगों को मालूम है कि हमारे देश में रेवेन्यू डेफीसिट रहता है। अब इसे सुधारने का प्रयास हुआ है। इस सरकार ने कानून एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। हमने रिजर्व बैंक से कहा है कि अब इनफ्लेशन 4 फीसदी पर निर्भर रहे। दो फीसदी प्लस या माइनस। फाइनेंस से रिलेटेड सभी एजेंसियों की इनफ्लेशन को लेकर जिम्मेदारी होगी।

'छोटे उद्यमियों को आसानी से मिलेगा लोन'

जब कोई कहता है कि 65 फीसीदी लोग गरीबी से नीचे हैं, ये विरासत में मिली है ये हम जानते हैं। देश की गरीबी हमारे नसीब में आई है। लेकिन गरीबी से लड़ने की इच्छा सभी की है। तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। जीएसटी गरीबी के खिलाफ लड़ने में काम आ सकता है। छोटे उद्यमियों को लोन आसानी से मिलेगा। हर व्यक्ति के आर्थिक कारोबार का खाका तैयार होगा। जीएसटी की सबसे बड़ी ताकत है टेक्नोलॉजी। रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। मैन्यूफैक्चरिंग में कंप्टीशन बढ़ेगा। रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। निवेश बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

GST रोकेगा काला धन: मोदी

हमारे यहां कच्चा बिल और पक्का बिल बहुत फेमस है। आपको कच्चे बिल की चिंता ज्यादा है। जीएसटी के कारण व्यापारी खुद प्रेरित होगा पक्के बिल के लिए। यदि हमारा हेल्थ इंश्योरेंस है तो हम सारे कागज संभाल कर रखते हैं, जीएसटी में प्रावधान है कि जब व्यापारी अपने पक्के बिल दिखाएगा तो उसे भुगतान होगा। इससे काला धन भी रुकेगा। हमारे देश में टैक्स कलेक्शन में बहुत बड़ी फौज लगी रहती है। टैक्स कलेक्शन खर्च में कमी आएगी।

एक ऐसी व्यवस्था विकसित हो रही है जिसमें करप्शन जीरो की तरफ जाएगा। इससे देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में मदद मिलेगा। कहीं पर कोई चोरी करेगा तुरंत पकड़ा जाएगा। टैक्स पेयर और टैक्ल कलेक्टर के बीच ह्यूमन इंटफेयर लगभग खत्म हो जाएगा।

'जितनी जल्दी पास, उतनी मिलेगी सुविधा'

16 राज्य जितनी जल्दी इसे पास करेंगे उतनी सुविधा होगा। इसके लिए अलावा कई संवैधानिक व्यवस्था अभी पूरी करनी है। कई तरह की तैयारी करनी होगी, उसके बाद हम इसे लागू कर पाएंगे। दुनिया में जितने देश सफल लोकतंत्र हैं उनमें फाइनेंस जैसा बिल सर्वसम्मति से कराना मुश्किल रहता है। ये भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता है कि हम अलग-अलग राजनीतिक दलों से होते हुए भी इस काम को एक स्वर में कर रहे हैं।

मैं इस सदन के सामने सभी का सम्मान करते हुए हम गर्व कर सकते हैं कि इस सरकार को सौ सप्ताह हुआ है, लेकिन इस दौरान सौ से ज्यादा बिल पारित किए गए हैं। इसमें सभी की भूमिका रही है। इसका यश सभी सदस्यों को जाता है।

राज्यसभा से हो चुका पास

जीएसटी संविधान संशोधन बिल राज्यसभा से पास हो चुका है। राज्यसभा में इसे सर्वसम्मित से पास किया गया है। उच्च सदन में इसके पक्ष में 202 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में एक भी सदस्य नहीं था।

अब क्या होगा?

लोकसभा से पास होने के बाद बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद जीएसटी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बीच राज्यो को भी अपने यहां विधानसभा से इस बिल को पास कराना है।

क्या होगा जीएसटी पास होने से

अभी देश में लोगों को 30 से 35 फीसदी तक टैक्स देना पड़ता है। जीएसटी लागू होने पर लगभग इसका आधा यानी 17 से 18 फीसदी तक ही टैक्स देना पड़ेगा। जीएसटी लागू होने से एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स, वैट, सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और लग्जरी टैक्स खत्म हो जाएगा।

क्या सस्ता और क्या महंगा

-इकोनॉमी के जानकार बताते हैं कि रेस्तरां में खाना खाना, मशीनरी सामान, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसेएसी, माइक्रोवेव, माल ढुलाई सस्ती होगी।

-डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट्स, चाय, कॉफी, मोबाइल बिल, क्रेडिड कार्ड का बिल, ज्वेलरी और कपड़ा महंगा हो जाएगा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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