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गुजरात चुनाव : भूत पर सवार कांग्रेस तो शाह कर रहे जीत के लिए माथापच्ची

Rishi
Published on: 27 Oct 2017 4:06 PM GMT
गुजरात चुनाव : भूत पर सवार कांग्रेस तो शाह कर रहे जीत के लिए माथापच्ची
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गांधीनगर : कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनावों में जीत के लिए कमर कस ली है। जहां उसने पिछड़ों में पैठ बनाने के लिए जातीय नेताओं को अपने पाले में करना आरंभ कर दिया। वहीं अब नया नारा भी गढ़ दिया। पार्टी का चुनावी नारा है कांग्रेस आवे छै, नवसर्जन लावे छै....। कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी को उम्मीद हैं कि इस नारे के सहारे पार्टी चुनावी वैतरणी पार कर लेगी।

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भविष्य नहीं भूत पर कांग्रेस की नजर

दरअसल कांग्रेस आवे छै, नवसर्जन लावे छै... के जरिए कांग्रेस भविष्य नहीं वरन गुजरातियों को 60 का दशक याद दिला रही है। उस दौर में गुजरात महाराष्ट्र से टूट नया प्रदेश बना था। पहली सरकार कांग्रेस की ही थी।

सोलंकी कहते हैं 60 के दशक से कांग्रेस की सरकार ने राज्य में विकास की नींव रखनी शुरू की थी। यूनिवर्सिटी, होस्पिटल, डेरी, रिफाइनरी योजनाबद्ध ऐसी नींव रखी गई की गुजरात समृद्ध राज्य बन उभरा।

सोलंकी के साथ ही प्रभारी अशोक गहलोत का भी दावा है कि गुजरात बीजेपी के हाथ से निकल रहा है। गहलोत के मुताबिक गुजरात में पीएम जिस तरह से समय दे रहे हैं, उससे ये बात साफ भी हो जाती है।

कांग्रेस के पास राज्य में कोई चेहरा नहीं

अहमद पटेल और मधुसूदन मिस्‍त्री वैसे तो पार्टी के बड़े नेता हैं। लेकिन इनके ऊपर दिल्ली वाले नेता का ठप्पा लगा है। शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी सहित कुछ अन्य नेता इस कद के नहीं हैं। जिन्हें आगे कर कांग्रेस कोई बड़ा चुनावी प्लान बना सके। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी बीमारी से जूझ रहीं हैं। अब ऐसे में उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सिवा पार्टी के पास कोई चेहरा नहीं जो अपील पैदा कर सकता हो।

संगठन के साथ जो बड़ी दिक्कत है वो ये है कि अल्पेश ठाकोर, जिग्नेश मनवाणी, हार्दिक पटेल के साथ कैसे संतुलन कायम किया जाए।

जबकि अमित शाह अधिक सक्रीय

गुजरात की सभी विधानसभा सीटों से अमित शाह ने तीन नाम मांगे थे। पिछले कुछ दिनों से शाह इस लिस्ट के साथ माथापच्ची कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन तीन नामों में से ही उम्मीदवार तय किए जाएंगे।

हमें मिली जानकारी के मुताबिक शाह हर एक विधानसभा सीट से आए नामों को उनके जनाधार, माली हैसियत, इलाके में उनकी स्वीकारित के साथ ही छवि व उनके पिछले रिकार्ड की कसौटी पर कस रहे हैं। इसके बाद ये लिस्ट नेशनल पार्लियामेंट्री बोर्ड के पास भेजी जाएगी।

आपको याद दिला दें, गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को 2 चरण में वोटिंग होनी है। जबकि 18 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ ही इसके नतीजों का भी एलान किया जाएगा।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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