BBC Documentary: गुजरात विधानसभा ने केंद्र से बीबीसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का किया निवेदन, मीडिया संस्थान के खिलाफ प्रस्ताव पारित

BBC Documentary: केंद्र सरकार से मीडिया संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निवेदन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रस्ताव को सदन में बीजेपी विधायक विपुल पटेल ने पेश किया था।

Krishna Chaudhary
Published on: 11 March 2023 4:27 AM GMT
BBC Documentary case
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BBC Documentary case (photo: social media )

BBC Documentary: साल 2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया:द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। शुक्रवार को गुजरात विधानसभा में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें केंद्र सरकार से मीडिया संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निवेदन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रस्ताव को सदन में बीजेपी विधायक विपुल पटेल ने पेश किया था।

पटेल ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में 2002 की घटनाओं को गलत तरीक से पेश किया गया है। इसके जरिए इंटरनेशनल लेवल पर भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। विपुल पटेल के प्रस्ताव को गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी, विधायक मनीषा वकील, धवल सिंह जाला और अमित ठाकर ने समर्थन किया। जानकारी के मुताबिक, विधानसभा से पेश इस प्रस्ताव को अब लोकसभा भेजा जाएगा।

पीएम मोदी की छवि खराब करने की कोशिश

विधानसभा में प्रस्ताव पर बोलते हुए गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई। यह डॉक्यूमेंट्री भारत विरोधी प्रचार का एक टूलकिट है। नानावती कमीशन और शाह आयोग भी इस मामले में क्लीन चिट दे चुका है।

जांच आयोग की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में किसी भी संगठन, राजनीतिक दल या सरकार की कोई भूमिका नहीं है। फिर भी भारत विरोधी तत्वों द्वारा एजेंडा आधारित प्रचार चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोधरा में ट्रेन को जंजीर खींचकर रोकना और जलाना एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसके कारण दंगे भड़के।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर हो चुका है बवाल

गुजरात दंगों में पीएम मोदी की भूमिका पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया:द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर देश में भारी बवाल हो चुका है। भारत सरकार ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। केंद्र सरकार ने इसे प्रोपेगेंडा करार देते हुए इसकी स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जेएनयू समेत देश की कई विश्वविद्यालयो में जमकर बवाल हुआ। मामला सुप्रीम कोर्ट तक में जा चुका है। शीर्ष अदालत ने इस पर बैन लगाने से इनकार करते हुए केंद्र को नोटिस भी भेजा है। पिछले दिनों दिल्ली-मुंबई में बीबीसी के दफ्तरों पर हुआ आयकर विभाग के सर्वे को भी इसी विवाद से जोड़कर देखा गया।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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