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गुजरात निकाय चुनाव: देगा बड़ा सियासी संदेश, भाजपा को घेरने में जुटी कांग्रेस

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर इन दोनों दलों के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की है।

Roshni Khan
Published on: 21 Feb 2021 6:50 AM GMT
गुजरात निकाय चुनाव: देगा बड़ा सियासी संदेश, भाजपा को घेरने में जुटी कांग्रेस
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गुजरात निकाय चुनाव: देगा बड़ा सियासी संदेश, भाजपा को घेरने में जुटी कांग्रेस (PC: social media)

अहमदाबाद: गुजरात में रविवार को हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव को भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ये चुनाव भाजपा के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर देने में जुटी हुई है।

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एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर इन दोनों दलों के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की है।

फिर ताकत दिखाने की कोशिश में भाजपा

गुजरात में भाजपा की पकड़ काफी मजबूत रही है। इसलिए भाजपा इन चुनावों के जरिए एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने में जुटी हुई है। दूसरी ओर कांग्रेस की कोशिश है कि निकाय चुनाव की सीटों को जीत कर राज्य में एक बार फिर पार्टी में नई जान फूंकी जाए।

BJP BJP (PC: social media)

छह नगर निगमों का होगा फैसला

निकाय चुनावों के दौरान छह नगर निगमों की किस्मत का फैसला होगा। राज्य के सभी छह नगर निगमों पर लंबे समय से भाजपा ने अपना कब्जा बनाए रखा है और पार्टी की कोशिश इसे आगे भी जारी रखने की है।

यही कारण है कि पार्टी की ओर से चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है। अहमदाबाद, वड़ोदरा, भावनगर, सूरत, जामनगर और राजकोट के नगर निगम चुनाव मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे हैं।

रूपाणी के लिए भी महत्वपूर्ण हैं चुनाव नतीजे

राज्य में अगले साल विधानसभा का चुनाव होना है। इसलिए नगर निगम के इन चुनावों से बड़ा सियासी संदेश जाएगा। नगर निगमों को जीतने के लिए रूपाणी ने पिछले दिनों कई सभाओं को संबोधित किया था मगर एक सभा में संबोधन के दौरान वे अस्वस्थ हो गए थे।

उनके मंच पर ही बेहोश हो जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में जांच में वे कोरोना से संक्रमित भी पाए गए थे। उसके बाद उन्होंने खुद को चुनाव अभियान से तो अलग कर लिया है मगर ये चुनाव उनके लिए बड़ा सियासी संदेश साबित होंगे।

आम आदमी पार्टी ने भी उतारे प्रत्याशी

राज्य की कुल 575 सीटों के लिए 2276 उम्मीदवार किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जबकि कांग्रेस 566 सीटों पर किस्मत आजमा रही है।

इन चुनावों में आम आदमी पार्टी भी अपनी ताकत दिखाने के लिए बेकरार है और उसने 470 सीटों पर अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। पार्टी की ओर से पिछले दिनों दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी चुनाव प्रचार करने के लिए गुजरात पहुंचे थे। एनसीपी प्रत्याशी 91 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। चुनाव में 228 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

amit-shah-family amit-shah-family (PC: social media)

मोदी और शाह के कारण हर किसी की नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण गुजरात के चुनाव पर हर किसी की नजर टिकी हुई है। यही कारण है कि इन चुनावों में भाजपा की ओर से पूरी ताकत लगाई गई है।

पिछले दिनों पंजाब में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को बुरी तरह परास्त किया था। अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी थी मगर उसे हार का सामना करना पड़ा। पंजाब का बदला लेना चाहती है भाजपा

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भाजपा गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों को जीत कर पंजाब में मिली हार का बदला भी लेना चाहती है। पंजाब में मिली हार के बाद कांग्रेस की ओर से भाजपा पर बड़ा सियासी हमला बोला गया था।

कांग्रेस का कहना था कि भाजपा लोगों का भरोसा खोती जा रही है। ऐसे में हर किसी की नजर गुजरात में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजों पर टिकी है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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