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Gujarat Election : इन इलाकों में बीजेपी को करनी होगी कड़ी मेहनत वर्ना...

Rishi
Published on: 2 Dec 2017 3:28 PM IST
Gujarat Election : इन इलाकों में बीजेपी को करनी होगी कड़ी मेहनत वर्ना...
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आशीष शर्मा 'ऋषि' आशीष शर्मा 'ऋषि'

गांधीनगर : यूपी निकाय चुनाव की प्रचंड जीत को गुजरात विधानसभा चुनाव में भुनाने को तैयार बीजेपी हरसंभव तैयारी में जुट गई है। पार्टी नेता इस चुनाव को गुजरात का लिटमस टेस्ट मान रहे थे। उन्हें लगने लगा है कि रणनीतिकारों ने जो 150 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है, अब उसे अचीव किया जा सकता है। शुक्रवार से ही बीजेपी नेताओं के सुर बदले हुए हैं। हालांकि राज्य में 150 सीटों को जीतना एवरेस्ट की चढाई जितना ही कठिन है। क्योंकि बीजेपी के सामने कई मुश्किलें मुहं खोले खड़ी हैं।

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जैसा की देश के अन्य हिस्सों में बीजेपी को सिर्फ शहरी पार्टी माना जाता है। कुछ ऐसा ही हाल यहां भी है। 150 सीटों के लिए उसे शहरी वोटर्स के साथ ही ग्रामीण वोटर्स के बीच अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी।

आपको बता दें, विधानसभा की 182 सीटों में 98 सीटें ग्रामीण इलाकों से आती हैं जबकि 84 सीटें शहरी इलाकों में हैं।

हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि पिछले तीन विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालने के बाद हमें पता चलता है कि 2002 के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। 2002 की बात करें तो बीजेपी ने 115 ग्रामीण सीटों में से 75 सीटें अपनी झोली में डाली थीं। 2007 में बीजेपी ने 64 ग्रामीण सीटें मिली।

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2012 के चुनाव से पहले गुजरात में नए सिरे से परिसीमन हुआ जिसके बाद ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 98 सीट बची इनमें से 50 सीटें बीजेपी को मिलीं थीं।

अब बात करते हैं कांग्रेस की 2002 में हुए चुनावों में पार्टी का वोट शेयर 32 प्रतिशत था। जो 2012 के चुनावों में बढ़कर 44 प्रतिशत हो गया।

अब यदि वर्तमान की बात करें, तो इस चुनाव में पाटीदार, जीएसटी और नोटबंदी बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश जिस तरह से पार्टी का विरोध कर रहे हैं। उससे यही लगता है कि ग्रामीण सीटों पर बीजेपी एक बार फिर मात खा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो 150 प्लस का सपना सच होता नहीं नजर आता। हालांकि बीजेपी के रणनीतिकार ये बात समझते हैं। लेकिन इतने कम समय में वो कैसे ग्रामीण वोटर्स को साधते हैं ये देखने वाली बात होगी।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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