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Gujarat Morbi Bridge: गुजरात के मोरबी पुल का इतिहास, आइये जाने उस खौफनाक रात की कहानी
Gujarat Morbi Bridge Collapse History: अक्टूबर 2022 में एक हादसे ने इस पुल को फ़ेमस कर दिया। भारत के लगभग सभी लोगों को इस ब्रिज के बारे में पता चल गया। यह हादसा छठ पर्व के बीच में हुआ था, जिसके कारण इस ब्रिज पर काफी भीड़ थी ।
Gujarat Morbi Bridge Collapse History: मोरबी पुल, जो कि गुजरात में है , के बारे में देश के कुछ लोगों को ही पता रहा होगा पर अक्टूबर 2022 में एक हादसे ने इस पुल को फ़ेमस कर दिया। भारत के लगभग सभी लोगों को इस ब्रिज के बारे में पता चल गया ।यह हादसा छठ पर्व के बीच में हुआ था , जिसके कारण इस ब्रिज पर काफ़ी भीड़ थी ।इस हादसे में लगभग 141 लोगों की जान गयी थी ।ये एक हैंगिंग ब्रिज है , जो सिर्फ़ दो छोरों से ही जुड़ा हुआ है।
कहा गया कि हादसा पुल के मेंटेनेंस ना होने की वजह से हुआ था ।आज इस पुल के इतिहास को जानते हैं ।गुजरात के इस मोरबी पुल का इतिहास काफ़ी पुराना है। इस पुल का निर्माण 143 साल पहले किया गया था ।यह पुल मच्छु नदी पर स्थित है ।इस पुल का निर्माण 18वीं शताब्दी के राजा वाघजी ठाकोरी ने करवाया था, जिन्होंने 1922 तक मोरबी पर राज किया था।
पुल की नींव1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने रखी थी
इस पुल की नींव फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने रखी थी। उस समय भी इस पुल को बनाने में करीब 3.5 लाख रुपये खर्च हुए थे।जो एक बड़ी रकम मानी जाती थी।वहीं, इस पुल को बनाने का पूरा मटेरियल इंग्लैंड से मंगवाया गया था। यह पुल यूरोप के एक पुल से प्रेरित था ।क्योंकि यहाँ पर शासन करने वाले वाघजी ब्रिटिश टेक्नोलॉजी से प्रभवित थे ।मोरबी के राजा इसी पुल से होकर दरबार जाते थे। यह पुल दरबारगढ़ पैलेस और नजरबाग पैलेस को जोड़ता था।यह ब्रिज आज भी मोरबी की पहचान है ।मोरबी के राजा ब्रिटिश तकनीक से इस कदर प्रभवित थे कि आज भी कई इमारतें लंदन जैसे इमारतों की याद दिलाती हैं ।
गुजरात की मच्छू नदी इसके पहले भी बड़ी त्रासदी देख चुकी है।11 अगस्त 1979 को मच्छू नदी पर बना एक बांध ढह जाने से क़रीब 1,500 लोग और 13,000 से अधिक जानवर मारे गए थे।लगातार बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गयी थी और बाद में बांध टूट गया था।2001 में आए भयानक भूकंप में इस ब्रिज को गंभीर नुकसान पहुंचा था।