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गुजरात को सता रहा इस बात का डर, सरकार ने घटा दी जांचों की संख्या
गुजरात में दो दिनों से जांचों की संख्या में काफी कमी आई है। एक समय ऐसा था जब गुजरात में 24 घंटे में कोरोना की 4000 जांचें की जा रही थीं।
अंशुमान तिवारी
गांधीनगर। कोरोना के केसों की लगातार बढ़ती संख्या गुजरात सरकार के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है। कोरोना के संक्रमण के मामलों में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरे नंबर पर आ गया है। अब प्रदेश में कोरोना की जांचों की संख्या घटाए जाने पर सवाल उठने लगे हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात को नंबर एक बनने से रोकने के लिए निगेटिव प्लान के तहत जांचों की संख्या में कटौती की गई है।
तीन से दो हजार हुई संख्या
गुजरात में दो दिनों से जांचों की संख्या में काफी कमी आई है। एक समय ऐसा था जब गुजरात में 24 घंटे में कोरोना की 4000 जांचें की जा रही थीं। फिर यह संख्या घटकर 3000 हुई और अब तो स्थिति यह हो गई है कि दो दिनों से मात्र 2000 टेस्ट ही किए जा रहे हैं। इस तरह पहले की अपेक्षा जांचों का आंकड़ा अब आधा ही रह गया है।
जाटों की संख्या घटने के कारण कोरोना के नए केसों की संख्या में भी कमी आई है। राज्य में जांचों की संख्या कम होने पर सवाल भी उठ रहे हैं मगर दो दिन से राज्य में दो हजार जांचें ही की जा रही हैं। अब ग्रामीणों की जांच के लिए तहसील स्तर पर मोबाइल यूनिट की व्यवस्था की गई है। राज्य में अभी तक रैपिड टेस्टिंग को मंजूरी नहीं दी गई है।
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राज्य में लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव केस
यदि राज्य में कोरोना के केसों की संस्या को देखा जाए तो 14 अप्रैल से 21 अप्रैल तक सिर्फ 20 अप्रैल को छोड़कर पॉजिटिव केसों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जहां 14 अप्रैल को कोरोना वायरस के केसों की संख्या सिर्फ 78 थी वहीं 23 अप्रैल को यह संख्या 239 तक पहुंच गई जबकि 21 अप्रैल को 20 अप्रैल की अपेक्षा भी कम जाचें की गईं। 20 अप्रैल को 4212 मरीजों की जांच की गई, 21 अप्रैल को यह संख्या घटकर 3513 हो गई और 22 अप्रैल को यह संख्या घटकर 2516 पर पहुंच गई। इससे समझा जा सकता है कि राज्य में कोरोना की जांच बढ़ने के बजाय और घटती ही जा रही है।
सूरत में सबसे बुरा हाल
गुजरात में कोरोना संक्रमण के मामले में सबसे बुरी स्थिति सूरत की है। शहर में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 412 तक पहुंच गई है। बुधवार को सूरत में 67 पॉजीटिव केस दर्ज किए गए। इनमें 66 शहर के और एक ग्रामीण इलाके का केस है। इन कोरोना संक्रमित लोगों में पांच बच्चे भी शामिल हैं।
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बच्चों के संक्रमित होने से चिंता बढ़ी
बच्चों के कोरोना का शिकार बनने से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह बात चिंता बढ़ाने वाली इसलिए है क्योंकि ये बच्चे कभी घर से बाहर नहीं निकले थे, लेकिन कम्युनिटी सैंपलिंग में ये बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वैसे सरकार के लिए राहत भरी बात यह रही कि बुधवार को सूरत में कोरोना से मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया। सूरत के बाद सबसे बुरा हाल अहमदाबाद का है। मौतों के मामले में अहमदाबाद सूरत के बाद दूसरे नंबर पर है।
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