Gujarat Riot Case: तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अगली सुनवाई 19 जुलाई को

Gujarat Riot Case: सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बुधवार (5 जुलाई) को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत 19 जुलाई तक बढ़ा दी है।

Jugul Kishor
Published on: 5 July 2023 8:49 AM GMT
Gujarat Riot Case: तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अगली सुनवाई 19 जुलाई को
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सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (सोशल मीडिया)

Gujarat Riot Case: सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को बुधवार (5 जुलाई) को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत 19 जुलाई तक बढ़ा दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अब अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जारी किया नोटिस

न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायधीश दीपांकर दत्ता की पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को दौरान अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल एसवी राजू ने कुछ समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया और मामले की सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की साथ ही तब तक तीस्ता सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत भी बढ़ा दी।

हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका

बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार (1 जुलाई) को सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी, साथ ही तुरंत आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को देर रात विशेष सुनवाई में सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को फिर सीतलवाड़ की अंतरिम जमानत 19 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है।

सीतलवाड़ पर गुजरात दंगों में निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप

दरअसल, तीस्ता सीतलवाड़ पर साल 2002 में गुजरात के दंगों से जुड़े निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए फर्जी सबूत तैयार करने का आरोप है। निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में अहदाबाद डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी) ने एफआईआर दर्ज की थी। इसी एफआईआर के आधार पर गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ को 25 जून 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सात दिनों तक पुलिस रिमांड पर पूछताछ की गई थी। पुलिस रिमांड में पूछताछ के बाद 2 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे जमानत दे दी थी।

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